मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों की सुख-शांति और समृद्धि को ध्यान में रखते हुए कई पहलें की हैं। इन पहलों में से एक प्रमुख पहल है धान उपार्जन के लिए समर्थन मूल्य पर चाक-चौबन्ध व्यवस्था, जिसने किसानों के लिए न केवल धान बेचना सरल बना दिया है, बल्कि उन्हें धान बेचने के बाद अपनी कमाई को सुरक्षित और आसानी से निकालने की सुविधा भी प्रदान की है। यह कदम न केवल किसानों के आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह राज्य के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण, राज्य के किसानों को देशभर में सबसे अधिक प्रति क्विंटल धान का मूल्य प्राप्त हो रहा है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है और कृषि क्षेत्र में नए उत्साह का संचार हुआ है।
छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एकमात्र राज्य है जहां किसानों को प्रति क्विंटल धान के लिए 3100 रूपए तक का समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। यह न केवल किसानों के लिए एक आश्वासन है, बल्कि उनकी मेहनत को भी उचित मूल्य मिलता है, जिससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हो रही है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के दौरान किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलता है, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है। इसके साथ ही, धान बेचने के बाद किसानों को तुरंत पैसे निकालने की सुविधा दी गई है, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हुआ है। पहले किसानों को अपनी कमाई को प्राप्त करने के लिए बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों का चक्कर लगाना पड़ता था, लेकिन अब वे सीधे खरीदी केन्द्रों से ही अपने पैसे प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनके समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार ने इस सुविधा को लागू करने में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे किसानों के जीवन में बदलाव आया है। यह सुविधा है माइक्रो एटीएम की, जो धान खरीदी केन्द्रों में उपलब्ध करवाई गई है। इस पहल के जरिए किसानों को न केवल अपनी बिक्री का पैसा निकालने की सुविधा मिली है, बल्कि यह सुविधा उन्हें पूरी तरह से नकद राशि निकालने में सक्षम बनाती है। अब किसानों को एटीएम या बैंक की कतारों में खड़े होने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे सीधे खरीदी केन्द्र पर मौजूद माइक्रो एटीएम से 10 हजार तक की राशि निकाल सकते हैं। इससे उनके दैनिक कार्यों में गति आई है, क्योंकि उन्हें अपनी परिवहन लागत और श्रमिकों की मजदूरी तत्काल रूप से चुकाने में कोई परेशानी नहीं हो रही है।
माइक्रो एटीएम की सुविधा किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हुई है। पहले जहां किसानों को अपनी मेहनत की कमाई को निकालने के लिए घंटों बैंकों की लाइनों में खड़ा होना पड़ता था, अब वे खरीदी केन्द्रों पर ही अपनी आवश्यकता के अनुसार राशि निकाल सकते हैं। इस प्रणाली ने किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता दी है और उन्हें तत्काल अपने कामों को पूरा करने में मदद की है। जैसे ही किसान अपनी उपज को बेचते हैं, वे तुरंत माइक्रो एटीएम के माध्यम से अपनी कमाई को निकाल सकते हैं और विभिन्न खर्चों को आसानी से पूरा कर सकते हैं। इससे उन्हें उधारी लेने या बैंकों का चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जो पहले एक बड़ी समस्या थी।
उदाहरण के लिए, श्री राकेश कुर्रे, जो चिल्हाटी के निवासी हैं, ने मोपका धान खरीदी केन्द्र में 62.80 क्विंटल धान बेचा और वहीं माइक्रो एटीएम के जरिए 1000 रुपये की नगद राशि निकाली। उन्होंने बताया कि यह सुविधा उनके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुई है। पहले उन्हें अपने धान के परिवहन के लिए मेटाडोर, ट्रेक्टर या छोटे हाथियों का किराया चुकाना पड़ता था और श्रमिकों की मजदूरी भी देनी होती थी। लेकिन अब वे बिना किसी परेशानी के, खरीदी केन्द्र से ही राशि निकालकर तुरंत इन खर्चों को पूरा कर सकते हैं। इससे उनका समय और ऊर्जा दोनों बचते हैं और उन्हें किसी से उधार भी नहीं लेना पड़ता। श्री कुर्रे का कहना है कि माइक्रो एटीएम का उपयोग बहुत ही सरल है। आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के माध्यम से, किसान आसानी से अपनी राशि निकाल सकते हैं। यह प्रक्रिया बहुत ही त्वरित और पारदर्शी है, जो किसानों को वित्तीय तनाव से मुक्त करती है।
इस सुविधा के लाभों को देखते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य किसानों ने भी इस व्यवस्था की सराहना की है और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है। वे अब किसी भी प्रकार की कठिनाई के बिना अपनी कमाई को प्राप्त कर सकते हैं और खेती-बाड़ी के अन्य खर्चों को तत्काल निपटा सकते हैं। यह पहल विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो अपने कृषि उत्पाद को बेचने के बाद तुरंत अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नकद राशि की आवश्यकता महसूस करते हैं।
सरकार की इस पहल ने न केवल किसानों के आर्थिक जीवन को सरल और पारदर्शी बनाया है, बल्कि इसके माध्यम से उन्हें एक नई दिशा भी दी है। अब छत्तीसगढ़ के किसान न केवल अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि उनकी वित्तीय जरूरतों को भी तत्काल पूरा किया जा रहा है। यह पहल किसानों की वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देती है और राज्य में कृषि क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाती है। इस तरह की सुविधाएं राज्य के कृषि क्षेत्र में वृद्धि और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती हैं, जिससे छत्तीसगढ़ राज्य का किसान न केवल अपने काम में आत्मनिर्भर होता है, बल्कि उसे राज्य सरकार के प्रति आभार भी होता है।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा प्रदान की गई माइक्रो एटीएम सुविधा ने किसानों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया है। इस सुविधा से किसानों को उनके पैसे निकालने में आसानी हो रही है और वे बिना किसी परेशानी के अपने कार्यों को गति दे पा रहे हैं। इस पहल से न केवल छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि यह देशभर में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है, जिसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।