केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महामारी की तैयारी पर क्वाड कार्यशाला का उद्घाटन किया।
भारत की अध्यक्षता में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विदेश मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
कार्यशाला का उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य आपातकालीन ढांचे को मजबूत करना, स्वास्थ्य खतरों के प्रति तैयारी और लचीलापन बढ़ाना तथा उभरती महामारियों के प्रति समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।
कार्यशाला में बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण के माध्यम से मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को संबोधित करते हुए वन हेल्थ दृष्टिकोण के कार्यान्वयन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यशाला में कंबोडिया, फिजी, इंडोनेशिया, केन्या, किरिबाती, मेडागास्कर, मालदीव, मोजाम्बिक, पलाऊ, फिलीपींस, श्रीलंका, तंजानिया, थाईलैंड, टोंगा, तुवालु जैसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 15 देशों और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के 25 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि हाल के दिनों में उभरते और पुनः उभरते स्वास्थ्य खतरों के कारण वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मजबूत तैयारियों, बढ़ी हुई निगरानी और समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया तंत्र की महत्वपूर्ण आवश्यकता रेखांकित होती है।
वैश्विक महामारी से निपटने की तैयारियों और प्रतिक्रिया प्रयासों को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, मंत्री ने बताया कि भारत ने महामारी कोष की स्थापना के लिए 10 मिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान दिया है, जिसे विशेष रूप से महामारियों से लड़ने के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि भारत ने इसके निरंतर कामकाज का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त 12 मिलियन अमरीकी डॉलर देने का वादा किया है।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने अपने संबोधन में देश में स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला समान विचारधारा वाले साझेदार देशों के साथ मिलकर स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
उन्होंने क्षेत्रीय स्वास्थ्य नेटवर्क को मजबूत करने और जूनोटिक बीमारियों के लिए तैयारी करने की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से उन देशों के लिए जहां पशुधन क्षेत्र महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि यह कार्यशाला ज्ञान, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और सबसे महत्वपूर्ण रूप से भविष्य के स्वास्थ्य संबंधी संकटों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने का एक मूल्यवान अवसर है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की विशाल वैक्सीन उत्पादन क्षमता, संयुक्त राज्य अमेरिका के अत्याधुनिक अनुसंधान, जापान की तकनीकी विशेषज्ञता और ऑस्ट्रेलिया की मजबूत क्षेत्रीय भागीदारी का लाभ उठाकर क्वाड हिंद-प्रशांत और उससे आगे स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक ताकत के रूप में उभरा है।
