केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि भारत 2035 की अवधि के लिए अपना संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) दिसंबर तक प्रकाशित करेगा। यह घोषणा उन्होंने ब्राज़ील के बेलेम में संयुक्त राष्ट्र COP30 जलवायु शिखर सम्मेलन के उच्च-स्तरीय खंड को संबोधित करते हुए की।
श्री यादव ने कहा कि अस्थिर वृद्धि और विकास पैटर्न के कारण जलवायु परिवर्तन “वास्तविक और आसन्न” चुनौती बन चुका है। उन्होंने विकसित देशों से समय-सीमा से पहले नेट-ज़ीरो लक्ष्य प्राप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने जलवायु लक्ष्यों के कार्यान्वयन को पर्याप्त, सुलभ और किफायती बनाने तथा उन्हें बौद्धिक संपदा बाधाओं से मुक्त रखने पर ज़ोर दिया।
मंत्री ने बताया कि भारत का नया परमाणु मिशन और हरित हाइड्रोजन मिशन 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने में मदद करेंगे। इसके अलावा, देश जल्द ही अपनी पहली द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट भी जारी करेगा।
भूपेंद्र यादव ने एनडीसी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2005 के बाद से भारत ने अपनी उत्सर्जन तीव्रता में 36% से अधिक कमी की है और गैर-जीवाश्म स्रोत अब देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का आधे से अधिक हिस्सा प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2030 के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित लक्ष्य देश ने पांच वर्ष पहले ही हासिल कर लिया है।
श्री यादव ने शिखर सम्मेलन में उद्योग जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए औद्योगिक परिवर्तन में तेज़ी लाने और मज़बूत वैश्विक साझेदारियों के निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
