राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की 67वीं कार्यकारी समिति की बैठक में गंगा बेसिन में वैज्ञानिक नदी प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। नई दिल्ली में आयोजित बैठक की अध्यक्षता महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल ने की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दीर्घकालिक नदी बेसिन प्रबंधन में विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और रियल-टाइम हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग को एकीकृत करने की एनएमसीजी की रणनीति को आगे बढ़ाना था।
समिति ने जिन प्रमुख पहलों को स्वीकृति दी, उनमें शामिल हैं:
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हिमालयी गंगा की मुख्य धाराओं में ग्लेशियर निगरानी
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गंगा नदी का डिजिटल ट्विन विकसित करना
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पैलियोचैनलों के माध्यम से जलभृत पुनर्भरण के प्रबंधन हेतु उच्च-रिज़ॉल्यूशन सोनार नदी तल सर्वेक्षण
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एक ऐतिहासिक भू-स्थानिक नदी डेटाबेस का निर्माण
बैठक में दिल्ली में यमुना के पुनरुद्धार पर भी विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें उपचारित सीवेज के सुरक्षित परिवहन और स्कूली बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम जैसी पहलों पर ज़ोर दिया गया।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य गंगा और यमुना दोनों नदियों के संरक्षण, पुनर्जीवन और सतत प्रबंधन को नए वैज्ञानिक आधार और तकनीकी मजबूती प्रदान करना है।
