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डायबिटीज़ मरीज भी रख सकते हैं नवरात्रि का व्रत, जानें प्रभावशाली वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक उपाय

Date : 23-Sep-2025

नवरात्रि के शुभ अवसर पर श्रद्धालु मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हुए उपवास रखते हैं। मगर मधुमेह (डायबिटीज़) से पीड़ित लोगों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्हें डर होता है कि उपवास उनकी सेहत को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए वे अक्सर व्रत से दूरी बना लेते हैं। हालांकि, आयुर्वेदिक विशेषज्ञों और मेडिकल साइंस दोनों का मानना है कि अगर सही तरीके से नियमों का पालन किया जाए, तो डायबिटिक व्यक्ति भी सुरक्षित रूप से उपवास कर सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर के पांच तत्वों का संतुलन ही अच्छा स्वास्थ्य माना जाता है, और उपवास अगर सही ढंग से किया जाए, तो यह न सिर्फ पाचन तंत्र को विश्राम देता है, बल्कि शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। लेकिन उपवास को भूखे रहने की बजाय संतुलित और नियंत्रित खानपान की प्रक्रिया के रूप में अपनाना आवश्यक है।

डायबिटीज़ में उपवास: क्या रखें ध्यान?

  • खाली पेट ज्यादा देर तक न रहें: शरीर में ग्लूकोज का स्तर कम होते ही थकावट, चक्कर आना या यहां तक कि बेहोशी का खतरा रहता है। इसलिए हर 2–3 घंटे में कुछ हल्का और पोषक तत्वों से भरपूर खाना ज़रूरी है।

  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ चुनें: समा चावल, कुट्टू या राजगिरा के आटे से बने व्यंजन, उबली शकरकंद, मखाने, पनीर और साबूदाना जैसे विकल्प ऊर्जा को धीरे-धीरे रिलीज़ करते हैं और शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखते हैं।

  • पर्याप्त मात्रा में तरल लें: उपवास में डिहाइड्रेशन की आशंका रहती है। इसलिए सामान्य पानी के अलावा नारियल पानी, बिना मिठास वाला नींबू पानी या छाछ जैसे पेय पदार्थ शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति भी करते हैं।

  • तली-भुनी चीज़ों से परहेज़ करें: व्रत के दौरान अक्सर घी-तेल में बनी चीज़ें और मिठाइयों का सेवन बढ़ जाता है, जो डायबिटिक रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसकी जगह उबली, भुनी या हल्की सिकी हुई डिशेज़ को प्राथमिकता दें।

  • प्राकृतिक मीठे विकल्प चुनें: चीनी से पूरी तरह बचें और स्टीविया, गुड़ या खजूर जैसे नैचुरल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करें।

  • दवाओं का नियमित सेवन न भूलें: उपवास के दौरान भी अपनी दवा समय पर लेना बेहद जरूरी है। यदि आप इंसुलिन लेते हैं या विशेष प्रकार की दवाइयों पर हैं, तो उपवास शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

उपवास: केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, स्वास्थ्य की चाबी भी

आयुर्वेद मानता है कि उपवास केवल आध्यात्मिक साधना नहीं, बल्कि शरीर और आत्मा को संतुलित और शुद्ध करने का माध्यम है। इसलिए यदि डायबिटीज़ मरीज कुछ जरूरी सावधानियों को अपनाते हैं, तो वे भी पूरे विश्वास के साथ नवरात्रि का व्रत रख सकते हैं — बिना किसी जोखिम के।

 

 
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