आज की बदलती जीवनशैली, अनियमित खानपान और बढ़ते तनाव के कारण पेट दर्द एक आम समस्या बन गया है। गैस, कब्ज और अपच जैसी परेशानियां न केवल शरीर को असहज बनाती हैं, बल्कि व्यक्ति के मूड और कार्यक्षमता पर भी नकारात्मक असर डालती हैं। बार-बार दवाइयों का सहारा लेने की बजाय योग को अपनाना एक प्राकृतिक और प्रभावी विकल्प हो सकता है।
योग न सिर्फ पेट दर्द को शांत करता है, बल्कि पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर इन समस्याओं को जड़ से दूर करने में मदद करता है। रोज़ाना सुबह खाली पेट 10–15 मिनट तक योगासन करने से धीरे-धीरे पेट से जुड़ी समस्याएं कम होने लगती हैं। इससे पाचन बेहतर होता है, ब्लोटिंग घटती है और शरीर हल्का महसूस करता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे सरल योगासन, जो नियमित अभ्यास से पेट की तकलीफ में राहत दिला सकते हैं।
पवनमुक्तासन
यह आसन पेट में जमा गैस को बाहर निकालने और पाचन क्रिया को सुधारने में बेहद लाभकारी है। पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और उन्हें छाती से लगाएं। हाथों से पैरों को पकड़ते हुए कुछ सेकंड तक रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। चाहें तो एक-एक पैर मोड़कर भी अभ्यास कर सकते हैं। सिर को उठाकर घुटने से छूने का प्रयास करें, फिर 5–10 सेकंड बाद धीरे-धीरे छोड़ दें।
भुजंगासन
भुजंगासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन प्रक्रिया को सक्रिय बनाता है। यह कब्ज, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याओं में विशेष रूप से उपयोगी माना जाता है। इस आसन के लिए पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के पास रखें और सांस लेते हुए सिर व छाती को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। पेट को रिलैक्स रखें और कुछ क्षण इसी स्थिति में रहें।
बालासन
बालासन शरीर और मन को गहरा आराम देने वाला आसन है। पेट दर्द, एसिडिटी और तनाव की स्थिति में यह तुरंत राहत पहुंचाता है। यह थकान, सिरदर्द और मानसिक दबाव को भी कम करता है। इस आसन के लिए घुटनों के बल बैठें, सिर को जमीन पर टिकाएं और हाथों को आगे की ओर फैलाकर गहरी सांस लें।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन पेट और आसपास की नसों को सक्रिय करता है, जिससे गैस और ब्लोटिंग की समस्या में कमी आती है। यह छाती और फेफड़ों को खोलकर सांस लेने की प्रक्रिया को भी आसान बनाता है। नियमित अभ्यास से खांसी, ठंड और सांस से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है।
इन योगासनों का नियमित अभ्यास न केवल पेट दर्द से राहत दिलाता है, बल्कि संपूर्ण पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। हालांकि, यदि पेट दर्द लंबे समय तक बना रहे या गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
