बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण आज पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो करीबी सहयोगियों से जुड़े मानवता के विरुद्ध अपराध के मामले में अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाने वाला है। न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने निर्णय की तिथि की पुष्टि की है। फैसले से पहले ढाका में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और न्यायाधिकरण परिसर के आसपास बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश, रैपिड एक्शन बटालियन और सेना के अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है।
यह मामला पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त में हुए छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह से जुड़ा है। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि तत्कालीन अवामी लीग सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर कड़ा दमन किया था। इस मामले में शेख हसीना के साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून आरोपी हैं। अल-मामून वर्तमान में हिरासत में हैं और कथित रूप से विस्तृत गवाही दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने शीर्ष अधिकारियों के निर्देशों के पालन का विवरण दिया है।
हसीना और कमाल देश छोड़ने के बाद से अनुपस्थित हैं, और उनकी गैर-मौजूदगी में ही मुकदमे की कार्यवाही चल रही है। फैसले से पहले न केवल ढाका, बल्कि गोपालगंज, मदारीपुर और फ़रीदपुर में भी सुरक्षा बलों की गश्त बढ़ा दी गई है, ताकि संभावित राजनीतिक विरोध या अशांति को रोका जा सके।
विश्लेषकों का मानना है कि निर्णय के राजनीतिक प्रभाव गहरे हो सकते हैं, विशेषकर तब जब बांग्लादेश में राष्ट्रीय चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं।
