प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को संबोधित करते हुए ब्रिक्स देशों, साझेदारों और आमंत्रित राष्ट्रों के साथ बहुपक्षवाद, वैश्विक आर्थिक और वित्तीय सहयोग तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे अहम विषयों पर चर्चा की। उन्होंने ब्रिक्स को वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने और एक बहुध्रुवीय, संतुलित विश्व व्यवस्था के निर्माण में उत्प्रेरक शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स के तहत चल रही नई विकास बैंक (NDB) की परियोजनाओं में मांग-आधारित दृष्टिकोण और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत द्वारा कृषि-जैव प्रौद्योगिकी, डिजिटल शिक्षा और समावेशी नवाचार के क्षेत्र में की गई पहलों को रेखांकित किया।
विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने 'ब्रिक्स विज्ञान और अनुसंधान भंडार' (Science & Research Repository) की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने जिम्मेदार और नैतिक AI शासन की आवश्यकता पर जोर दिया। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी ब्रिक्स भागीदारों को भारत में अगले वर्ष आयोजित होने वाले "AI इम्पैक्ट समिट" में भाग लेने का औपचारिक निमंत्रण दिया।
अपने समापन वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि ब्रिक्स, अगर समन्वित प्रयास करे, तो वह न केवल एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को दिशा दे सकता है, बल्कि तकनीकी और आर्थिक विकास में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है।