नई दिल्ली, 28 जुलाई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को यहां भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम-2025 का उद्घाटन करेंगे। शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पांचवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य इस एक दिवसीय विचार-विमर्श कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य एनईपी 2020 की उपलब्धियों की समीक्षा करना और भविष्य की रूपरेखा तैयार करना है। इस समागम में शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, अनुसंधान संस्थानों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी रहेगी। दिनभर चलने वाली विचार-विमर्श की शृंखला में शिक्षा को अधिक समावेशी, रोजगारोन्मुख, तकनीकी और नवाचार-आधारित बनाने पर चर्चा होगी।
एनईपी 2020 के तहत बीते पांच वर्षों में उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा में कई क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी), राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ), स्वयं, समर्थ, ओनोस, और मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसी योजनाओं ने उच्च शिक्षा में लचीलापन, पहुंच और गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। अब तक 2.36 करोड़ छात्रों को यूनिक अपार आईडी से जोड़ा जा चुका है और 170 विश्वविद्यालयों ने एनसीआरएफ को अपनाया है।
स्कूल शिक्षा क्षेत्र में पीएमश्री, पीएम पोषण, उल्लास वयस्क शिक्षा और निपुण भारत मिशन के माध्यम से शिक्षा की पहुंच, गुणवत्ता और परिणामों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। देशभर के 14.72 लाख स्कूलों में 98 लाख शिक्षक और 24.8 करोड़ विद्यार्थी एनईपी के लाभार्थी बन चुके हैं।
अखिल भारतीय शिक्षा समागम-2025 के प्रमुख विषयों में भारतीय भाषाओं का शिक्षण में उपयोग, शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समावेश, 100 प्रतिशत माध्यमिक स्तर सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) और शिक्षा एवं उद्योग के बीच सहयोग शामिल हैं। साथ ही एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी के माध्यम से देशभर से एकत्रित श्रेष्ठ शैक्षिक प्रथाएं प्रदर्शित की जा रही हैं। इस समागम के माध्यम से भारत, शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक और ठोस कदम बढ़ा रहा है। एनईपी 2020 के अगले चरण में प्रवेश करते हुए, देश शिक्षा को नवाचार, समावेशन और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कर रहा है।