नई दिल्ली, 28 जुलाई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह को 30 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से लॉन्च किया जाएगा।
इसरो ने सोमवार को एक्स पोस्ट में बताया कि निसार उपग्रह अब लॉन्चिग के लिए तैयार है। इसे प्रक्षेपण यान जीएसएलवी- एफ16 सिस्टम में स्थापित कर दिया गया है। इसकी जांच हो चुकी है। प्रक्षेपण अगले दो दिन में होगा। जीएसएलवी -एफ16 के माध्यम से निसार उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया जाएगा जिसका लाइव प्रसारण 30 जुलाई शाम 5 बजकर 10 मिनट शुरू होगा। जीएसएलवी -एफ 16 का प्रक्षेपण पांच बजकर 40 मिनट पर होगा। निसार इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का संयुक्त मिशन है।
निसार की मदद से धरती के हर क्षेत्र पर नजर रखना संभव हो सकेगा। यह सैटेलाइट 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित होगा। यह एक अत्याधुनिक रडार सैटेलाइट है, जो बादलों और बारिश के बावजूद 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है। इसका उद्देश्य बाढ़, ग्लेशियर, कोस्टल इरोजन (तटीय क्षेत्रों में होने वाला कटाव) जैसी प्राकृतिक घटनाओं पर नजर रखना और उसकी पूर्व जानकारी देना है। इससे दुश्मन देशों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखी जा सकेगी। निसार की लागत करीब 1.3 बिलियन डॉलर (करीब 11,240 करोड़ रुपये) है। यह न केवल भारत और अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।