भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अंतर्गत एक खुली, निष्पक्ष और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पुनः जताई है। कल व्लादिवोस्तोक में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के व्यापार मंत्रियों की बैठक में भारत ने साझा समृद्धि के लिए SCO की सामूहिक ताकतों का प्रभावी उपयोग करने पर भी जोर दिया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि भारत ने निर्यात में विविधीकरण, निर्भरता कम करने और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण की आवश्यकता को प्रमुखता दी। इसके साथ ही, पूरे क्षेत्र में व्यापार प्रवाह बढ़ाने, कमजोरियों को दूर करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए समन्वित प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया गया।
अपर सचिव अमिताभ कुमार ने विकास-केंद्रित एजेंडे की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडारण के स्थायी समाधान, विकासशील देशों के लिए विशेष और विभेदक व्यवहार, और द्वि-स्तरीय WTO विवाद समाधान प्रणाली की बहाली पर जोर दिया।
भारत ने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा MSMEs को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल करने के लिए सेवा व्यापार और कुशल पेशेवरों के अस्थायी आवागमन के महत्व को भी रेखांकित किया।
डिजिटल अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, भारत ने SCO के कार्यप्रवाहों में निष्पक्ष, पारदर्शी और पूर्वानुमानित नियामक ढाँचों, सर्वोत्तम प्रथाओं पर सहयोग और सुरक्षित नवाचार आधारित डिजिटलीकरण के लिए क्षमता निर्माण पर बल दिया। साथ ही, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) में अपनी उपलब्धियों जैसे UPI, इंडिया स्टैक और ONDC को भी प्रदर्शित किया।