छत्तीसगढ़ के बस्तर में लंबे समय तक सक्रिय रही नक्सली और वर्षों से भूमिगत प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) की सबसे वरिष्ठ सीसीएम नेता पोथुला पद्मावती उर्फ कल्पना उर्फ मैनाबाई उर्फ म्यनाक्का उर्फ सुजाता ने शनिवार को तेलंगाना पुलिस महानिदेशक डॉ. जितेन्द्र के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
यह 62 वर्षीय वरिष्ठ सीसीएम नेता सुजाता तेलंगाना के जोगुलाम्बा गडवाल जिले के गट्टू मंडल के पेंचिकालपाडु गांव की निवासी है। नक्सली औरसीसीएम नेता सुजाता बस्तर में हुई कई बड़ी नक्सल वारदाताें में शामिल रही है। लेकिन वह पिछले कई वर्षों से भूमिगत थी। 01 करोड़ की इनामी सुजाता का आत्मसमर्पण नक्सल संगठन के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। सुजाता नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है। हालांकि किशनजी काे वर्ष 2011 में पश्चिम बंगाल में एक मुठभेड़ में ढेर किया जा चुका है। इसके बाद सुजाता ने भी नक्सल संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया और आज तेलंगाना पुलिस के मुखिया के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
इन हमलों की मास्टरमाइंड रही सुजाता-
2007-एर्राबोर (सुकमा) : सीआरपीएफ और जिला पुलिस पर हमला, 23 जवानों का बलिदान।
2010-ताड़मेटला (दंतेवाड़ा): विस्फोट, 76 जवानों का बलिदान।
2010-गादीरास: यात्री बस पर हमला, 36 यात्रियाें की मौत।
2013- झीरम घाटी: कांग्रेस नेताओं समेत 32 की हत्या।
2017- चिंतागुफा: घात लगाकर हमला, 25 जवानों का बलिदान।
2020-कोरजागुड़ा (सुकमा): मुठभेड़, 17 जवानों का बलिदान।
2021-टेकुलगुड़ेम (बीजापुर): 21 जवानों का बलिदान।
कौन था नक्सली किशनजी
सुजाता नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है। मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी ने पूरे पूर्वी भारत में नक्सल संगठन की कमान संभाली थी, वहीं अपने एनकाउंटर से पहले किशनजी नक्सल संगठन का सबसे चर्चित चेहरा रहा था। किशनजी ने पत्रकारों को सबसे अधिक इंटरव्यूज भी दिए थे। उल्लेखनीय है कि किशनजी का छोटा भाई मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ अभय वर्तमान में नक्सलियों का प्रवक्ता है और शीर्ष नक्सल पद पोलित ब्यूरो सदस्य है। किशनजी कई बड़ी नक्सल वारदाताें में शामिल रहा था। उस पर खुफिया अधिकारी फ्रांसिस इन्दवार का सिर कलम करने, रांची-जमशेदपुर मार्ग पर 35 सुरक्षाकर्मियों की हत्या, पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या और 5.5 करोड़ रुपये की लूट का आरोप था।
दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलियों के खात्मे का ऐलान किया है। इसके बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। इसी अभियान के चलते बसवाराजू, बालकृष्णा जैसे एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ में मार गिराया है। इनके अलावा भी कई बड़े कैडर के नक्सली मारे गए हैं। इससे नक्सल संगठन को बहुत बड़ा झटका लगा है। इसी बढ़ते दबाव के चलते नक्सली इलाका छोड़कर भाग रहे हैं। ऐसे में अब नक्सल संगठन कमजोर हो गया है। एक करोड़ की इनामी नक्सली सुजाता का आत्मसमर्पण नक्सल मोर्चे पर अब तक की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियाें के सीसीएम सदस्य सुजाता का आत्मसमर्पण नक्स्ली संगठन के लिए बड़ा झटका है, सुजाता का आत्मसमर्पण न केवल नक्सल संगठन को कमजोर करेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि "छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार मिलकर मजबूत आत्मसमर्पण नीति लागू कर रही हैं, ताकि नक्सलियाें के आत्मसमर्पण में कोई असुविधा न हो।
गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने के लक्ष्य पर कायम है। उन्होंने कहा की आने वाले 4-5 महीनों में और भी बेहतर कार्रवाई देखने को मिलेगी। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वालों को नकद सहायता, रोजगार, आवास और कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। यदि नक्सली शांति वार्ता चाहते हैं, तो वे सीधे संपर्क कर सकते हैं, लेकिन हिंसा से कोई समझौता नहीं होगा।