नई दिल्ली:
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच एक समग्र और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को तेजी से अंतिम रूप देने के उद्देश्य से यूरोपीय अधिकारियों से महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने ईयू के व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस सेफ्कोविक, कृषि एवं खाद्य आयुक्त क्रिस्टोफ़ हैनसेन, तथा अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बातचीत की।
श्री गोयल ने इस बैठक के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा:
"भारत और यूरोपीय संघ एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी FTA के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो व्यापार के नए रास्ते खोलेगा और साझा विकास के अवसरों को अधिकतम करेगा।"
संयुक्त मंत्रिस्तरीय संवाद में भारत का दृष्टिकोण
बाद में, भारत-ईयू संयुक्त मंत्रिस्तरीय व्यावसायिक संवाद को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने भारत की भूमिका और दृष्टिकोण स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भारत, यूरोपीय संघ को:
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विश्वसनीय साझेदार
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रणनीतिक सहयोगी
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निष्पक्ष व्यवहार और कानून के शासन
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स्थिरता व गुणवत्ता मानकों
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और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्ध मित्र के रूप में देखता है।
उन्होंने ज़ोर दिया कि यह साझेदारी केवल व्यापार विस्तार तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ना चाहिए।
पूरकता, न कि प्रतिस्पर्धा
श्री गोयल ने यह भी कहा कि भारत और यूरोपीय संघ एक-दूसरे के पूरक हैं, प्रतिस्पर्धी नहीं। यह दृष्टिकोण विनिर्माण, सेवा, प्रौद्योगिकी और हरित विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खोल सकता है।
यह उच्चस्तरीय बैठक और संवाद इस ओर संकेत करते हैं कि भारत और यूरोपीय संघ अपने रणनीतिक व्यापारिक संबंधों को नई गति देना चाहते हैं। एक संतुलित FTA दोनों पक्षों के लिए आर्थिक अवसर, निवेश, और नवाचार को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।