श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने कोलंबो के प्रतिष्ठित कोलंबो 07 इलाके में स्थित अपना सरकारी आवास गुरुवार को खाली कर दिया। यह कदम संसद द्वारा पारित "राष्ट्रपति के अधिकार (निरसन) अधिनियम" के तहत उठाया गया, जिसने पूर्व राष्ट्रपतियों को आजीवन सरकारी आवास, भत्ते और विशेष सुविधाएं देने वाले कानून को रद्द कर दिया है।
गुरुवार दोपहर करीब 1:15 बजे महिंदा राजपक्षे अपनी पत्नी शिरंथी के साथ परिसर से बाहर निकले। इस मौके पर कई समर्थकों और आम नागरिकों की भीड़ उन्हें विदा देने के लिए वहां मौजूद थी। इससे पहले दिन में, कई राजनेता और राजनयिक उनके निवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे।
नया कानून बुधवार को श्रीलंकाई संसद में 151 के मुकाबले 1 वोट से पारित किया गया। इसके तहत पूर्व राष्ट्रपतियों और उनके जीवनसाथियों को अब सरकारी आवास, भत्ते और अन्य विशेषाधिकार नहीं मिलेंगे।
श्रीलंका पोडुजना पेरामुना (SLPP) के एक प्रवक्ता के अनुसार, महिंदा राजपक्षे अब हंबनटोटा स्थित अपने निजी निवास कार्लटन हाउस में शिफ्ट हो जाएंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम श्रीलंका में आर्थिक सुधारों और खर्च में कटौती की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपतियों मैत्रीपाला सिरिसेना और चंद्रिका भंडारनायके कुमारतुंगा को भी अब अपने सरकारी आवास खाली करने होंगे।
यह बदलाव श्रीलंका की राजनीतिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, जो शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में उठाया गया कदम है।