वॉशिंगटन, डी.सी. — अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए व्यापक वैश्विक टैरिफ की वैधता पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। जब तक अदालत इस मामले में अपना अंतिम निर्णय नहीं देती, टैरिफ प्रभावी बने रहेंगे।
यह मामला तब सामने आया जब अगस्त के अंत में एक संघीय अपील अदालत ने विभाजित निर्णय में कहा कि ट्रम्प ने "अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम" (IEEPA) का उपयोग कर अपने संवैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण किया है।
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि कर और टैरिफ लगाने का अधिकार अमेरिकी कांग्रेस की एक मुख्य विधायी शक्ति है, जिसे संविधान ने स्पष्ट रूप से कार्यपालिका नहीं, बल्कि विधायिका को सौंपा है।
इस फैसले से यह सवाल उठता है कि क्या किसी राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करके प्रत्यक्ष रूप से व्यापारिक टैरिफ थोपने का अधिकार है, खासकर तब जब वह कांग्रेस से मंजूरी लिए बिना ऐसा करे।
अब सुप्रीम कोर्ट के सामने यह तय करने का जिम्मा है कि क्या ट्रम्प प्रशासन का यह कदम कानूनी रूप से उचित था या इससे कार्यपालिका की शक्ति का अतिक्रमण हुआ है।
यह मामला न केवल अमेरिका की आर्थिक नीति, बल्कि कार्यपालिका और विधायिका के बीच सत्ता संतुलन पर भी गहरा असर डाल सकता है।