9 सितंबर, 2025 को कतर की राजधानी दोहा में कई विस्फोटों की खबर सामने आई, जिन्हें इज़राइली हवाई हमले के रूप में पुष्टि की गई है। इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) और सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने इस कार्रवाई की जिम्मेदारी ली है, जो कतर की ज़मीन पर हुआ पहला ज्ञात इज़राइली सैन्य हमला माना जा रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मध्य दोहा में तेज़ धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं और धुएं का घना गुबार उठा। यह इलाका हमास के वरिष्ठ अधिकारियों के निवास स्थान के पास बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आसमान में मिसाइलों जैसी धारियाँ देखी गईं, हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है।
इज़राइल के एक अधिकारी ने इस ऑपरेशन को "सटीक कार्रवाई" बताते हुए कहा कि इसका मकसद हमास के नेतृत्व को समाप्त करना था। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल इस स्वतंत्र सैन्य अभियान की पूर्ण जिम्मेदारी लेता है, जबकि शिन बेट ने बताया कि इस हमले के लिए खुफिया जानकारी उसी ने प्रदान की थी।
दोहा में मौजूद हमास के राजनीतिक कार्यालय ने आरोप लगाया है कि इज़राइल ने यह हमला युद्धविराम और बंधक वार्ता में शामिल नेताओं को मारने के उद्देश्य से किया। माना जा रहा है कि खलील अल-हय्या, जो हमास के वरिष्ठ नेता हैं और हाल ही में कतर के अधिकारियों से मिले थे, संभावित रूप से इस हमले का निशाना बने।
कतर ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक "कायरतापूर्ण कृत्य" और अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया है। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. माजिद अल-अंसारी ने कहा कि यह हमला कतर की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा पर सीधा खतरा है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा बल और नागरिक सुरक्षा टीमें घटनास्थल की निगरानी और स्थिति नियंत्रण में जुटी हैं।
कतर सरकार ने चेतावनी दी है कि वह इज़राइल के इस "लापरवाह व्यवहार" को बर्दाश्त नहीं करेगी, और उच्च-स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है।
हालांकि मंगलवार देर रात तक किसी की मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन इज़राइल और हमास दोनों ने संकेत दिया कि यह घटना चालू संघर्ष में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।