नेपाल में एक ऐतिहासिक क्षण आया जब पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया और उनके सुझाव पर संघीय संसद के निचले सदन, प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया गया है। साथ ही, 21 मार्च को नए संसदीय चुनावों की घोषणा भी की गई है।
काठमांडू स्थित राष्ट्रपति भवन, शीतल निवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति पौडेल ने सुशीला कार्की को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति रामबरन यादव सहित कई वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है जब नेपाल हाल ही में जनरेशन-ज़ेड के उग्र विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा था। ये प्रदर्शन सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ थे और इनमें हुई हिंसा में कई लोगों की जान गई। इन घटनाओं के चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
पिछले तीन दिनों में राष्ट्रपति भवन में हुई गहन राजनीतिक चर्चाओं के बाद, सुशीला कार्की को देश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपने का निर्णय लिया गया। वे पहले भी नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और उनकी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए उन्हें व्यापक रूप से सराहा जाता है।
उनकी नियुक्ति न केवल एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि उन युवा प्रदर्शनकारियों की मांगों की भी पूर्ति है जो एक भ्रष्टाचार-मुक्त और पारदर्शी नेतृत्व की उम्मीद कर रहे हैं।