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ISRO का बड़ा कदम: अमेरिकी संचार उपग्रह लॉन्च कर बनाएगा नई मिसाल

Date : 02-Jan-2025

ISRO फरवरी या मार्च में एक अमेरिकी संचार उपग्रह लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है, जो सीधे अंतरिक्ष से मोबाइल फोन पर कॉल की सुविधा देगा। यह अत्याधुनिक तकनीक उपग्रह आधारित टेलीफोनी को और बेहतर बनाएगी। इससे पहले भारत ने छोटे अमेरिकी उपग्रहों को लॉन्च किया था, लेकिन यह पहली बार है जब भारत एक विशाल अमेरिकी संचार उपग्रह को समर्पित रूप से लॉन्च करेगा।

AST SpaceMobile का सहयोग

इस मिशन में अमेरिका की टेक्सास स्थित कंपनी AST SpaceMobile प्रमुख भूमिका निभा रही है। कंपनी एक नई तकनीक के जरिए उपग्रहों को सीधे स्मार्टफोन से जोड़ने की योजना बना रही है, जिसके लिए विशेष हैंडसेट की जरूरत नहीं होगी। यह तकनीक मौजूदा प्रणालियों, जैसे Starlink, से अलग और अधिक उन्नत है।

विशाल एंटीना वाला उपग्रह

इस उपग्रह का एंटीना लगभग 64 वर्ग मीटर का होगा, जो आधे फुटबॉल मैदान के आकार के बराबर है। इसका वजन लगभग 6000 किलोग्राम होगा। इसे भारत के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से ISRO के LVM-3 रॉकेट (बाहुबली) के जरिए निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

वैश्विक कनेक्टिविटी का लक्ष्य

AST SpaceMobile का उद्देश्य है ग्लोबल कनेक्टिविटी गैप को खत्म करना। कंपनी का दावा है कि उनकी तकनीक से किसी भी स्मार्टफोन पर सीधा इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध होगी। यह तकनीक उन इलाकों में भी काम करेगी जहां टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर या तो उपलब्ध नहीं है या विफल हो जाता है।

ISRO के लिए बड़ी सफलता

यह लॉन्च ISRO के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे अमेरिकी कंपनियों का भारत के रॉकेट और लॉन्च सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा। इससे पहले ISRO ने अपने LVM-3 रॉकेट के जरिए OneWeb उपग्रह समूह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। विशेषज्ञों के अनुसार, AST SpaceMobile के बड़े उपग्रहों के कारण अब छोटे उपग्रह समूहों की आवश्यकता कम होगी।

भारत की नई स्पेस इकोनॉमी

यह मिशन ISRO की व्यावसायिक शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) द्वारा संचालित किया जाएगा। यह पूरी तरह से एक व्यावसायिक लॉन्च है, जिसमें भारत केवल उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा। यह ISRO के लिए विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी सहयोग के द्वार खोलने वाला साबित होगा।

 
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