नई दिल्ली. अब आपको अपने स्मार्टफोन या टैबलेट या फिर किसी उन्य इलेक्टॉनिक उपकरण के लिए अलग-अलग चार्जर रखने की जरूरत नहीं होगी. सबके डिवाइस केवल Type C चार्जर से ही चार्ज होंगे. भारत सरकार ने सोमवार को इस बाबत एक बड़ा फैसला लिया है. Type-C charger को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए स्टैंडर्ड बना दिया गया है. किसी के पास 2 लाख वाला आईफोन हो या 5,000 रुपये वाला एंड्रॉयड स्मार्टफोन, दोनों की चार्जर खोजने की समस्या अब खत्म हो जाएगी.
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के मुताबिक टाइप-सी स्टैंडर्ड होने से देश में बिकने वाली स्मार्टफोन और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए ये कॉमन चार्जिंग सॉल्यूशन होगा. इससे प्रति ग्राहक चार्जर्स की संख्या में कमी आएगी. साथ ही ग्राहकों को इससे हर डिवाइस के लिए नया चार्जर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ई-कचरे को कम करने के लिए जरूरी फैसला
बिजनेस टुडे के मुताबिक, बीआईएस ने एक बयान में यह भी कहा, ‘इससे भारत सरकार के ई-कचरे को कम करने और सतत विकास की ओर बढ़ने के मिशन को हासिल करने में मदद मिलेगी.’
स्टेटमेंट में आगे कहा गया है कि पहले ग्राहकों को अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए अलग-अलग चार्जर रखना होता था. इससे अधिक पैसे भी खर्च होते थे, ई-वेस्ट भी बढ़ता था और इसके रख रखाव में तकलीफ भी होती थी. पूरी दुनिया में इसे मुद्दे को हल करने के लिए काम किया जा रहा है.