भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज शाम 5:40 बजे नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F16 रॉकेट के माध्यम से किया जाएगा। उपग्रह के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती मंगलवार दोपहर 2:10 बजे से शुरू हो चुकी है।
निसार एक अत्याधुनिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जो किसी भी मौसम, दिन या रात के दौरान लगातार पृथ्वी की सतह की निगरानी कर सकेगा। हर 12 दिन में एक बार यह पूरी पृथ्वी का स्कैन करेगा और सतह पर होने वाले एक सेंटीमीटर से भी कम के बदलावों को रिकॉर्ड करने में सक्षम होगा। यह उपग्रह जलवायु परिवर्तन, भूकंपीय गतिविधियों, हिमखंडों के पिघलने, वन क्षेत्र परिवर्तनों और प्राकृतिक आपदाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
निसार का प्रक्षेपण सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में किया जाएगा। इस उपग्रह का वजन अधिक होने के कारण इसे सामान्य पीएसएलवी के बजाय जीएसएलवी रॉकेट से भेजा जा रहा है।
यह मिशन भारत की ISRO और अमेरिका की NASA के बीच पहला ऐसा हार्डवेयर सहयोग है, जिसमें दोनों एजेंसियां उपग्रह के लिए अलग-अलग रडार सिस्टम प्रदान कर रही हैं। निसार मिशन को वैश्विक स्तर पर पृथ्वी प्रणाली विज्ञान में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।