केंद्र सरकार ने उन्नत तकनीक के क्षेत्र एक बड़ी पहल करते हुए 6003.65 करोड़ रुपये की लागत की एक राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) को मंजूरी दी है। इस मिशन की अवधि आठ वर्ष रखी गई है। इसका उद्देश्य देश में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी तथा क्वांटम सामग्री और उपकरण के क्षेत्रों में खोज को बढ़ावा देना है। यह अहम जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर के रूप में दी।
वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 86.00 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से 43.07 करोड़ रुपये वितरित हुए और 32.77 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया। इस बजट का उपयोग करते हुए 17 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 17 परियोजना टीमों के साथ 14 तकनीकी समूहों से युक्त 4 विषयगत केंद्र (टी-हब) स्थापित किए गए हैं।
इन टी-हब के माध्यम से 43 संस्थानों के कुल 152 अनुसंधानकर्ता एक साथ मिलकर काम करेंगे। इन टी-हब में से एक केंद्र क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए असम स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी में स्थापित किया गया है, जिसे वर्ष 2024-25 में 6,92,800 रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।
यह मिशन भारत को क्वांटम टेक्नोलॉजी में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे भविष्य की तकनीकों जैसे कि क्वांटम इंटरनेट, सुरक्षित संचार, और अत्यधिक शक्तिशाली कंप्यूटिंग सिस्टम के विकास को बल मिलेगा।