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Science & Technology

कंप्यूटर की पीढ़ियां

Date : 03-Mar-2023

कंप्यूटर का क्रमिक विकास हुआ है जो इसकी पीढ़ियों के माध्यम से समझना आसान है। प्रत्येक जनरेशन में कंप्यूटर की टेक्नोलॉजी उन्नत हुई है। शुरुआत में कंप्यूटर बहुत सीमित क्षमता के थे परंतु धीरे धीरे यह एडवांस होता गया। कंप्यूटर इतिहास के रोचक सफर में कंप्यूटर जनरेशन के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। तो आइए दोस्तों, कंप्यूटर की पीढ़ी का इतिहास जानने का प्रयास करते है।

Computer के क्रमिक विकास में उसका आकार, क्षमता, कार्यप्रणाली इत्यादि में विस्तार और सुधार हुआ है। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर और अभी चल रही पीढ़ी में भारी अंतर है। वर्तमान कंप्यूटर की क्षमता बहुत ज्यादा है। चाहे भंडारण क्षमता हो या कंप्यूटर की गति हो, इनमें बढ़ोतरी हुई है। कंप्यूटर के विकास को समझने के लिए इसका इतिहास 5 पीढ़ियों में बांटा गया है।

1.      प्रथम पीढ़ी

पहली पीढ़ी या जनरेशन के कंप्यूटर शुरुआती कंप्यूटर थे। यह कंप्यूटर पीढ़ी वर्ष 1940 से 1956 के मध्य में मानी जाती है। इन कंप्यूटर्स का विकास इसी टाइमलाइन में हुआ था। प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का नाम ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer) था। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की गति और मेमोरी क्षमता बहुत कम  थी।

प्रथम पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषता

  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर्स में “Vacuum Tube” का इस्तेमाल होता था। यह कंपोनेंट कांच से बना होता है। वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार एम्ब्रोस फ्लेमिंग ने किया था।
  • इस पीढ़ी में मशीनी भाषा (0,1) का उपयोग प्रोग्राम्स बनाने में किया जाता था। वैसे इस पीढ़ी के Computers में ऑपरेटिंग सिस्टम की अवधारणा नही थी।
  • डेटा इनपुट करने के लिए पंचकार्ड का उपयोग किया जाता था। मेमोरी स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का इस्तेमाल होता था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स की स्मृति भंडारण क्षमता बहुत कम थी।
  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर्स में आउटपुट देखने के लिए प्रिंटआउट लिया जाता था।
  • गणितीय गणनाओं में प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर उपयोग किये जाते थे। जोड़, गुना, भाग इत्यादि कैलकुलेशन ये कंप्यूटर्स कर सकते थे। आम भाषा में कहे तो प्रथम पीढ़ी के Computers शुरुआती रूप थे।
  • इन कंप्यूटर्स का आकार एक बड़े होल या कमरे के बराबर था। इनका वजन टनों में होता था। सामान्य शब्दों में कहे तो यह कंप्यूटर जगह ज्यादा घेरता था। ENIAC कंप्यूटर का वजन 30 टन के करीब था।
  • आम लोगों के लिए इसका इस्तेमाल करना असंभव था। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर्स अत्यधिक महंगे होते थे।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स का मेंटेनेंस बहुत महंगा होता था। अत्यधिक बड़ा होने और ज्यादा मशीनरी पार्ट्स होने के कारण गर्मी उत्सर्जित होती थी। इसलिए इस पीढ़ी के Computers को वातानुकूलित रखने में खर्चा ज्यादा आता था।

2. द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर्स

Second Generation के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी से ज्यादा एडवांस थे। द्वितीय पीढ़ी Computer का टाइमलाइन वर्ष 1956 से 1963 के मध्य था। ये कंप्यूटर पहले की तुलना में ज्यादा छोटे थे। द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर्स के नाम – IBM 7094, CDC 1604 इत्यादि।

द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषता

  • द्वितीय पीढ़ी के Computer में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांज़िस्टर का इस्तेमाल होता था। आप जानते ही है कि ट्रांज़िस्टर का आविष्कार विलयम शॉकले ने किया था।
  • डेटा भंडारण या स्टोरेज के लिए चुम्बकीय टेप का इस्तेमाल किया जाने लगा था।
  • द्वितीय पीढ़ी में “COBOL और FORTRAN” हाई लेवल भाषा का उपयोग प्रोग्रामिंग में हुआ था।
  • Batch Processing की शुरुआत द्वितीय पीढ़ी की है।
  • ट्रांज़िस्टर का इस्तेमाल होने से द्वितीय पीढ़ी के Computers का आकार प्रथम पीढ़ी से छोटा हो गया था। इसलिए रखरखाव पर आने वाला खर्चा भी घट गया था। इन कंप्यूटर्स की लागत भी कम हो गयी थी जिससे यह प्रथम पीढ़ी कंप्यूटर से अपेक्षाकृत सस्ता था।
  • आकार में बड़ा होने के कारण उत्सर्जित गर्मी को कम करने के लिए AC का प्रयोग किया जाता था।

3. तृतीय पीढ़ी कंप्यूटर

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी या जनरेशन का समयकाल वर्ष 1964 से वर्ष 1971 के मध्य था। यह कंप्यूटर पीढ़ी वर्तमान कंप्यूटर की जनक मानी जाती है। तृतीय पीढ़ी के मुख्य कंप्यूटर्स में UNIVAC 1108, ICL 2903 प्रमुख है।

तृतीय पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषता 

·         तृतीय पीढ़ी का मुख्य घटक IC (Integrated Circuit) था। इंटीग्रेटेड सर्किट एक सिलिकॉन अर्धचालक धातु से बना चिप था जिस पर हजारों की संख्या में ट्रांज़िस्टर होते है। हिंदी में आईसी को एकीकृत परिपथ भी कहते है। IC का आविष्कार जैक किल्बी ने किया था।

·         CPU और मॉनिटर अलग अलग नही किये जा सकते थे। कीबोर्ड और माउस भी तृतीय पीढ़ी की ही देन है।

·         कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग के लिए High Laval Language पास्कल और बेसिक इस्तेमाल की जाती थी।

·         आईसी के इस्तेमाल होने से कंप्यूटर का आकार अत्यधिक छोटा हो गया। इस पीढ़ी का Computer वर्तमान डेस्कटॉप के आकार का था।

·         तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर परफॉर्मेंस, स्पीड, भंडारण इत्यादि में अत्यधिक क्षमता के थे। मल्टीटास्किंग भी इसी पीढ़ी की देन है जिससे एक ही समय में एक से अधिक एप्लिकेशन को रन करना आसान हुआ। ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग भी तृतीय पीढ़ी में शुरू हुआ था।

4. चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर

इस पीढ़ी के Computer आज भी इस्तेमाल किये जाते है। चतुर्थ पीढ़ी का समयकाल वर्ष 1971 से वर्ष 1980 के बीच का माना जाता है। इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार सबसे महत्वपूर्ण कदम था। इसने कंप्यूटर की गति को सुपरफास्ट कर दिया था। माइक्रोप्रोसेसर से बना प्रथम कंप्यूटर MITS नामक कंपनी ने बनाया था। इस कंप्यूटर का नाम “ALTAIR 8800” था।

चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषता

·         कंप्यूटर की 4th जेनरेशन में आईसी की जगह माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल शुरू हुआ था। माइक्रोप्रोसेसर भी सिलिकॉन की धातु चिप से बना हुआ होता है। माइक्रोप्रोसेसर में लाखों ट्रांज़िस्टर होते है।

·         प्रोग्रामिंग भाषा में C और जावा लैंग्वेज का प्रारंभ भी इसी पीढ़ी में हुआ था।

·         MS DOS ऑपरेटिंग सिस्टम भी इसी पीढ़ी में इंट्रोड्यूस हुआ था। माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी के ऑपरेटिंग सिस्टम का भी चतुर्थ पीढ़ी में आगमन हुआ था।

·         माइक्रोप्रोसेसर बनाने वाली इंटेल कम्पनी का आगमन भी इसी पीढ़ी में हुआ था। वर्ष 1971 में “इंटेल 4004” चिप को डेवलप किया गया था।

·         कंप्यूटर की इस पीढ़ी में VLSI (Very Large Scale Integration) तकनीक प्रयुक्त हुई थी। इसके कारण इस छोटी चिप पर करीब 3 लाख ट्रांज़िस्टर को इंटीग्रेटेड किया जा सका था।

·         डेस्कटॉप और पर्सनल कंप्यूटर इसी पीढ़ी के कंप्यूटर्स को कहा गया है। इन Computer की गति तृतीय पीढ़ी कंप्यूटर्स से काफी तेज थी। स्मृति भंडारण में भी चतुर्थ पीढ़ी का कंप्यूटर काफी आगे था।

5. पंचम पीढ़ी कंप्यूटर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पंचम पीढ़ी की देन है। वर्ष 1980 से वर्तमान तक यह पीढ़ी चल रही है। आगे भी इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स में एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग सम्भव है। रोबोट का बनना इसी जनरेशन में सम्भव हुआ है। आर्टिफिशियल इंटलीजेंस का अर्थ है कि कंप्यूटर स्वयं सोचे और समझे। पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर सबसे शक्तिशाली और सुपर टेक्नोलॉजी वाले होते है।

पांचवी पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषता

·         इस पीढ़ी में ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

·         कंप्यूटर में GUI (Graphical User Interface) तकनीक का आविष्कार भी इसी पीढ़ी की देन है।

·         पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर्स में .Net, C++ इत्यादि उच्च स्तरीय भाषाओं का उपयोग होता है।

·         लैपटॉप, स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, नोटबुक रोबोटिक इत्यादि कंप्यूटर की फिफ्थ जनरेशन ही है। Computers का आकार अत्यधिक छोटा हो गया है।

·         IOT (Internet Of Things) का कॉन्सेप्ट भी इसी पीढ़ी में आया है।

कंप्यूटर जेनरेशन

कंप्यूटर पीढ़ियां Computer Generation In Hindi – इंटरनेट का आविष्कार भी कंप्यूटर की पंचम पीढ़ी के दौरान ही हुआ है। इस कारण AI (Artificial Intelligence) का उद्भव सम्भव हुआ है। कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से किसी भी विषय की जानकारी आसानी से ली जा सकती है।वर्तमान में कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी चल रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जमाने में कंप्यूटर अत्याधुनिक हो गया है।

 

 

 

 
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