केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (आईबीसीए), इसके प्रतिनिधियों और अधिकारियों को विशेषाधिकार और उन्मुक्ति प्रदान की है। यह विशेषाधिकार एवं उन्मुक्ति संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 के तहत राजपत्र अधिसूचना जारी करके दी गई है।केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कदम बिग कैट्स (जैसे शेर, बाघ, चीता आदि) के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह कदम बिग कैट्स के संरक्षण को बढ़ावा देगा, जो उनके पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है। आईबीसीए अब वैश्विक स्तर पर बिग कैट्स के संरक्षण के लिए सहयोग, ज्ञान के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में सक्षम होगा।
उल्लेखनीय है कि आईबीसीए जनवरी में एक पूर्ण संधि-आधारित अंतर-सरकारी संगठन और वैश्विक कानूनी इकाई के रूप में लागू हुआ था, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। अब तक 35 देशों ने आईबीसीए में शामिल होने के लिए सहमति व्यक्त की है, जिनमें से 12 ने संधि पर हस्ताक्षर किए हैं और तीन ने पर्यवेक्षक का दर्जा चुना है। इस गठबंधन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 अप्रैल, 2023 को भारत में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की थी। इसका उद्देश्य अन्य देशों के साथ मिलकर सात बड़ी बिल्लियों- बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा - का संरक्षण करना है। भारत में पांच बड़ी बिल्लियां पाईं जाती हैं जिसमें बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और चीता शामिल हैं।