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बारिश से निखरा माउंट आबू का सौंदर्य, झरनों की कलकल ध्वनि और नक्की झील की चादर बनी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र

Date : 04-Oct-2025

सिराेही, 4 अक्टूबर। राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू इन दिनों लगातार हो रही बारिश से एक बार फिर हरियाली की चादर ओढ़े हुए है। बीते दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने यहां के झरनों, झीलों और पहाड़ियों की खूबसूरती को निखार दिया है। जहां तक नजर जाती है, वहां धुंध से ढकी हरी-भरी घाटियां और कलकल करते झरने नजर आ रहे हैं। सैलानियों के लिए यह नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं।

माउंट आबू में शनिवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे में 52.4 मिलीमीटर बारिश हुई। अब तक सीजन में कुल 1885.2 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से काफी अधिक है।

बारिश के कारण माउंट आबू-आबूरोड मार्ग से लेकर गुरुशिखर तक के रास्तों के किनारे बंद पड़े झरने फिर से जीवंत हो उठे हैं। झरनों से गिरता पानी और चारों ओर फैली हरियाली सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। शनिवार दोपहर करीब तीन बजे एक बार फिर हल्की बारिश का दौर शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे तेज होती चली गई।

बारिश के दौरान पहाड़ियों पर घनी धुंध छा गई, जिससे दृश्यता प्रभावित हुई, लेकिन यह नजारा सैलानियों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं रहा।

बारिश के बीच भी नक्की झील, गुरुशिखर, हनीमून प्वाइंट, टोड़ रॉक, सनसेट प्वाइंट जैसे स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे और बरसात में भीगते हुए पहाड़ियों की खूबसूरती का आनंद लिया।

लगातार हो रही वर्षा के चलते नक्की झील और लोअर कोदरा बांध में चादर चलना शुरू हो गया है। बहते पानी का दृश्य देखने के लिए पर्यटक झील किनारे देर शाम तक जुटे रहे।

चारों ओर से आने वाले नाले और झरनों का पानी झील में मिल रहा है, जिससे झील का जलस्तर बढ़ गया है।

साथ ही गुरुशिखर मार्ग और लोअर कोदरा क्षेत्र में बहते छोटे-छोटे झरने अब फोटो क्लिक करने और वीडियो बनाने वाले युवाओं के बीच खास आकर्षण बने हुए हैं। बरसात के मौसम में माउंट आबू का मौसम ठंडा और सुहावना हो गया है, जिसके चलते सप्ताहांत पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है।

नक्की झील क्षेत्र, मुख्य बाजार और गुरुशिखर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों से सावधानी बरतने और फिसलन भरे मार्गों पर धीरे वाहन चलाने की अपील की है। लंबे शुष्क अंतराल के बाद बारिश ने माउंट आबू की घाटियों, जंगलों और पर्वतीय ढलानों को नया जीवन दे दिया है।

हरी-भरी पहाड़ियां, झरनों की गूंज और ताजी हवा पर्यटकों को सुकून और ताजगी का एहसास करा रही हैं।

स्थानीय होटल व्यवसायियों और टूर ऑपरेटरों के अनुसार बीते दो दिनों से होटल ऑक्यूपेंसी में 40% तक की बढ़ोतरी हुई है।

बारिश के साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है।

माउंट आबू में शनिवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस रहा।

सुबह-शाम की ठंडी हवाएं और झरनों की नमी भरी खुशबू वातावरण को रोमांचक बना रही है। बारिश और ठंडक के इस मौसम में दिलवाड़ा जैन मंदिर, अचलगढ़ किला और गुरुशिखर मंदिर में भी श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ गई है।

आबूरोड से आने वाले श्रद्धालु झरनों के रास्ते से गुजरते हुए इन स्थलों तक पहुंच रहे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन दोनों की हलचल बढ़ गई है। इस वक्त माउंट आबू प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए ‘मॉनसून पैराडाइज’ बन चुका है।

हरे-भरे जंगलों, झरनों और बादलों से ढकी चोटियों के नजारे देखने के लिए न केवल राजस्थान बल्कि गुजरात और महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं।

 
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