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नाेएडा में छठ की तैयारियां जोरों पर, 25 अक्टूबर से नहाए खाए के साथ शुरू होगा महापर्व

Date : 23-Oct-2025

गौतमबुद्ध नगर, 23 अक्टूबर । लोक आस्था का महापर्व छठ 25 अक्टूबर से नहाए खाए के साथ शुरू होगा। नोएडा में भी इस पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर के विभिन्न जगहों पर स्थित छठ घाटों पर साफ-सफाई, रंगाई और सजावट का कार्य चल रहा है।इसके साथ ही पुलिस भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम कर रही है।

श्रद्धा, आस्था और परंपरा के इस चार दिवसीय महापर्व को लेकर लोगों में उत्साह है। विभिन्न छठ समितियों के सदस्य दिन-रात घाट की सफाई में जुटे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोशनी, पेयजल, अस्थायी शौचालय, बैरिकेडिंग और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी पूरी की जा रही है। घाटों को आकर्षक रूप देने के लिए फूलों की मालाएं, झालरें और रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं। विभिन्न जगहों पर छठ पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे हैं। नोएडा ग्रेटर व नोएडा में बड़ी संख्या में पूर्वांचल और बिहार के लोग रहते हैं, जो छठ महापर्व मनाते हैं। लोग यहां के विभिन्न सोसाइटियों, सेक्टरों में बने छठ घाट, हिंडन नदी, यमुना नदी और गंग नहर के किनारे भी छठ पर्व मनाने के लिए जाते हैं।

नोएडा पुलिस की ओर से भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा, वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम व दमकल वाहन भी मौके पर मौजूद रहेंगे। छठ पर्व की तैयारी के साथ ही बाजारों में रौनक लौट आई है। महिलाओं ने पूजन सामग्री की खरीदारी शुरू कर दी है। गन्ना, नारियल, केला, नींबू, सिंघाड़ा, मिठाई, गुड़, चावल, फल और बांस की डलिया, सूप, दौरा, और टोकरी की बिक्री तेजी से बढ़ी है। बाजारों में भीड़ इतनी बढ़ गई है कि दुकानदार भी खुश हैं।

चार दिवसीय छठ पर्व का पहला दिन 25 अक्टूबर को नहाय-खाय होगा। इस दिन व्रती महिलाएं नदी या तालाब में स्नान कर पवित्रता के साथ व्रत का आरंभ करती हैं और प्रसाद में चने की दाल, लौकी और चावल का सेवन करती हैं। दूसरे दिन 26 अक्टूबर को खरना है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर प्रसाद ग्रहण करती हैं। तीसरे दिन 27 अक्टूबर को सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। घाटों पर इस अवसर पर भजनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और झांकियों का आयोजन किया जाएगा। चौथे दिन 28 अक्टूबर सूर्योदय के समय छठी मैया और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण कर पर्व का समापन होता है। व्रती महिलाएं लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं।

 
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