छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 1 नवंबर को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह दिन राज्य के आधिकारिक गठन का प्रतीक है, जो 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस अवसर पर राज्यभर में विविध सांस्कृतिक और सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो छत्तीसगढ़ की अनूठी पहचान, परंपराओं और उपलब्धियों को उजागर करते हैं।
गठन की पृष्ठभूमि
छत्तीसगढ़ बनने से पहले मध्य प्रदेश का हिस्सा था। क्षेत्र में बड़ी जनजातीय आबादी और उनकी सांस्कृतिक विशिष्टताओं के कारण स्थानीय विकास की मांग उठी। 20वीं सदी के अंत में यह आंदोलन तेज हुआ और सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को उजागर करने वाले नेताओं तथा कार्यकर्ताओं का समर्थन मिला। लंबे संघर्ष और राजनीतिक वार्ताओं के बाद, भारत की संसद ने 2000 में मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम पारित किया, और 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ का गठन हुआ। नवगठित राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी बने।
निर्माण के उद्देश्य
छत्तीसगढ़ का गठन मुख्यतः बेहतर प्रशासन और क्षेत्रीय विकास को सुनिश्चित करने के लिए किया गया। राज्य के घने जंगल, खनिज संपदा और आदिवासी बहुल जनसंख्या ने स्थानीय नेतृत्व और नीतियों की आवश्यकता बढ़ा दी। सांस्कृतिक रूप से छत्तीसगढ़ की भाषाएँ, परंपराएँ और त्योहार मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों से अलग हैं। आर्थिक दृष्टि से यह संगठन खनन, कृषि और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण था।
उत्सव और आयोजन
राज्य स्थापना दिवस पर सरकार आधिकारिक समारोह आयोजित करती है, जिसमें मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा ध्वजारोहण और पुरस्कार वितरण शामिल होता है। स्कूल और कॉलेजों में आदिवासी नृत्य, गीत और लोक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। प्रदर्शनियों और सार्वजनिक आयोजनों में राज्य की प्राकृतिक संसाधन संपदा, सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डाला जाता है। इस दिन अक्सर नई योजनाओं और विकास परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया जाता है।
मुख्य तथ्य
राजधानी: रायपुर
भाषाएँ: हिंदी, छत्तीसगढ़ी और विभिन्न आदिवासी भाषाएँ
जनजातीय जनसंख्या: 30% से अधिक
अर्थव्यवस्था: कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट और कृषि
सांस्कृतिक विरासत: पंथी और राउत नाचा जैसे लोक नृत्य, बस्तर दशहरा जैसे उत्सव
भूगोल: लगभग 44% क्षेत्र घने जंगलों से ढका, जिसमें कई नदियाँ और झरने
