देश 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस (राष्ट्रीय एकता दिवस) मनाने के लिए तैयार है। यह दिन 565 से ज़्यादा रियासतों को भारत संघ में एकीकृत करने और राष्ट्रीय एकता की भावना को बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और उसके बाद राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का आयोजन करेंगे। इस कार्यक्रम में एक भव्य परेड, एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम और भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम द्वारा हवाई करतबों का प्रदर्शन होगा, जिससे आसमान तिरंगे के रंगों में रंग जाएगा।
इस समारोह में सीमा सुरक्षा बल के भारतीय नस्ल के कुत्तों का एक अनूठा दस्ता भी शामिल होगा, जिसमें रामपुर हाउंड्स और मुधोल हाउंड्स शामिल हैं, जिनमें से मुधोल हाउंड्स की प्रमुख कुत्ती "रिया" को हाल ही में राष्ट्रीय चैंपियन घोषित किया गया है। परेड में नौ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 16 मार्चिंग दस्ते, चार सीएपीएफ इकाइयाँ, एनसीसी कैडेट और "विविधता में एकता" थीम पर आधारित सांस्कृतिक झांकियाँ शामिल होंगी।
900 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम में शास्त्रीय और लोक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की विविध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रधानमंत्री के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व एक महिला अधिकारी करेंगी, जो राष्ट्रीय सेवा में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में, केंद्र सरकार ने कई राष्ट्रव्यापी पहलों की योजना बनाई है, जिनमें युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा माई भारत प्लेटफॉर्म के माध्यम से आयोजित सरदार@150 यूनिटी मार्च भी शामिल है। 6 अक्टूबर को शुरू हुए इस अभियान में निबंध प्रतियोगिताएँ, सोशल मीडिया प्रतियोगिताएँ और यंग लीडर्स प्रोग्राम शामिल हैं, जिसका समापन सरदार पटेल के जन्मस्थान करमसद से स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी तक एक राष्ट्रीय पदयात्रा के साथ होगा।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने 'एक भारत, आत्मनिर्भर भारत' के सिद्धांतों के अनुरूप, युवाओं में एकता, देशभक्ति और नागरिक दायित्व को बढ़ावा देने के लिए माई भारत प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक राष्ट्रव्यापी एकता मार्च (यात्रा) का आयोजन किया है। 6 अक्टूबर, 2025 को केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा माई भारत पोर्टल पर शुरू की गई इस पहल में सोशल मीडिया रील्स प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता और सरदार@150 यंग लीडर्स कार्यक्रम जैसी प्रतियोगिताएँ शामिल हैं, जिसके 150 विजेता राष्ट्रीय पदयात्रा में भाग लेंगे।
इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में, केंद्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की है, जिसमें युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा माई भारत प्लेटफॉर्म के माध्यम से शुरू किया गया सरदार@150 एकता मार्च भी शामिल है। 6 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा उद्घाटन किए गए इस अभियान का उद्देश्य निबंध लेखन, सोशल मीडिया रील्स और सरदार@150 यंग लीडर्स प्रोग्राम जैसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को प्रेरित करना है, जिसका समापन एक राष्ट्रीय पदयात्रा के रूप में होगा।
एकता मार्च दो चरणों में आयोजित किया जाएगा—पहला चरण, 31 अक्टूबर से 25 नवंबर तक, जिसमें सभी संसदीय क्षेत्रों में जिला-स्तरीय पदयात्राएँ होंगी, जिसके बाद सरदार पटेल की विरासत पर चर्चा, संगोष्ठियाँ और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएँगे। दूसरा चरण, 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक, सरदार पटेल के जन्मस्थान करमसद से केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी तक 152 किलोमीटर का मार्ग तय करेगा। इस मार्ग पर स्वच्छता अभियान, सरदार उपवन पहल के तहत वृक्षारोपण, महिला कल्याण शिविर, योग सत्र और "वोकल फ़ॉर लोकल" अभियान चलाए जाएँगे।
समारोह के पूरक के रूप में, 31 अक्टूबर को देश भर में वार्षिक रन फॉर यूनिटी मैराथन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्कूली बच्चे, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और दिव्यांग नागरिक भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से इस आयोजन में शामिल होने और राष्ट्रीय एकता एवं सद्भाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का आग्रह किया है।
इस वर्ष का यह आयोजन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2015 में शुरू की गई एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) पहल के साथ भी जुड़ा है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देती है। भाषा संगम, छात्र विनिमय कार्यक्रमों और काशी तमिल संगमम जैसे सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से, यह पहल विभिन्न क्षेत्रों के बीच भावनात्मक बंधन को मज़बूत करती रहती है।
1 से 15 नवंबर तक, एकता नगर में भारत पर्व का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और एक खाद्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह उत्सव 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर संपन्न होगा, जिसमें भारत के आदिवासी समुदायों के योगदान पर प्रकाश डाला जाएगा।
