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'स्पंदन' में शास्त्रीय नृत्यों की विविध विधाओं से दर्शक हुए स्पंदित

Date : 10-Jan-2023

 -लखनऊ की भारतेन्दु नाट्य अकादमी में हुआ शास्त्रीय नृत्यों का 'स्पंदन' समारोह
लखनऊ, 06 जनवरी (हि.स.)। लखनऊ नगर की सांस्कृतिक संस्था 'नव स्पंदन' की उत्सव श्रृंखला की आठवीं कड़ी में शुक्रवार को त्रिवेणी नृत्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कथक एवं भरतनाट्यम् की युवा नृत्यांगनाओं ने अपने नृत्य से दर्शकों को मुग्ध कर लिया।

समारोह का आयोजन संस्कृति विभाग और भारतेन्दु नाट्य अकादमी के सहयोग से गोमती नगर स्थित अकादमी के थ्रस्ट थिएटर में आयोजित किया गया। समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा एवं वरिष्ठ लोक साहित्यकार विद्या बिंदु सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ एवं बनारस घराने की विश्व में धूम रही है।

समारोह की नृत्य प्रस्तुतियों का आरंभ लखनऊ में नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली और इन दिनों वड़ोदरा में रह रही रूक्मिणी जायसवाल के कथक नृत्य से हुआ। पूर्व में भातखंडे संगीत संस्थान की छात्रा रहीं और नगर की वरिष्ठ नृत्यांगना कुमकुम धर की शिष्या रुक्मिणी ने अपने नृत्य का प्रारंभ शिव स्तुति से किया। राग शंकरा और ताल चौताल में निबद्ध वंदना 'जय महेश जटाजूट... में भगवान शिव के स्वरूपों के दर्शन कराए। इसके उपरांत उन्होंने शुद्ध नृत्य की प्रस्तुति की, जिसमें तीन ताल में उन्होंने बोलों का सुंदर निकास किया। अपने कार्यक्रम में रूक्मिणी ने गजल ‘घटा को जुल्फ लिखनाकृ पर नृत्य की अभिनय कला का प्रदर्शन किया।

वर्तमान में ब्रिटेन में भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रचार कर रहीं युवा नृत्यांगना दिव्या रवि ने भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति कीं। किरण सुब्रह्मण्यम और संध्या किरण की शिष्या रहीं दिव्या ने अपनी नृत्य प्रस्तुति 'प्राप्ति' के अन्तर्गत उन्होंने मंदिर की अनुभूति का अनुभव कराया, जिसमें घंट-घड़ियाल की ध्वनि, मंत्रों की अनुगूंज शामिल थी। रसखान की प्रेमवाटिका की प्रस्तुति के अन्तर्गत कृष्ण और राधा के प्रेम की प्रस्तुति की। अपनी प्रस्तुति के अन्त में उन्होंने 'अभंग' का प्रदर्शन किया।

लखनऊ के दिवंगत कथक गुरु पंडित अर्जुन मिश्र की शिष्या रहीं और ब्रिटेन में कथक नृत्य का प्रचार कर रहीं अनुराधा चतुर्वेदी ने इस मौके पर धमार प्रस्तुति कीं। अनुराधा चतुर्वेदी पिछले 15 वर्षों से ब्रिटेन में दृष्टि डांस के माध्यम से कथक का प्रचार कर रही हैं। वह नृत्यांगना के साथ ही गुरु, संरचनाकार और प्रशिक्षिका हैं। अपने कार्यक्रम के अन्तर्गत उन्होंने 'आर्द्रा' की प्रस्तुति भी की।

कथक संध्या में इसके अलावा उदीयमान कलाकारों की समूह प्रस्तुति भी हुई। कुमकुम धर के निर्देशन में रंजना शर्मा, अनन्या तिवारी और शिवांगी बढ़वाल ने समूह नृत्य के अन्तर्गत 'माधव माधुरी' प्रस्तुत किया। प्रख्यात कथक गुरु पंडित बिरजू महाराज की इस रचना में स्वर भी उन्हीं का था। समारोह का संचालन मालिका सहाय ने किया। अतिथियों का स्वागत अलका चतुर्वेदी ने किया। संस्था की अध्यक्ष कुमकुम धर ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी, जबकि सचिव डॉक्टर रश्मि चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

 
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