अल्लाह रक्खा रहमान हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं। सुरों के बादशाह रहमान ने हिंदी के अलावा अन्य कई भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं। ए. आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नामांकन हासिल हुआ है। इसी फिल्म के गीत 'जय हो' के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत की श्रेणी में दो ग्रैमी पुरस्कार मिले।
प्रारंभिक जीवन
रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता राजगोपाल कुलशेखर (आर. के. शेखर) मलयालम फ़िल्मों में संगीतकार थे। रहमान ने संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। मात्र 11 वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते थे। वे इलैयराजा के बैंड के लिए भी काम करते थे। चेन्नई के "नेमेसिस एवेन्यू" बैंड की स्थापना का श्रेय रहमान को ही जाता है। वे की-बोर्ड, पियानो, हारमोनियम और गिटार भी बजा लेते है। वे सिंथेसाइजर को कला और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम मानते हैं। रहमान जब नौ साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और परिस्थितियाँ इतनी बिगड़ गई कि पैसों के लिए घरवालों को रहमान के पिता के वाद्य यंत्रों को भी बेचना पड़ा। इसी बीच उनके परिवार ने इस्लाम धर्म अपनाया।बैंड ग्रुप में काम करते हुए ही उन्हें लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली, जहाँ से उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में डिग्री प्राप्त की।
ए.आर रहमान की शिक्षा
ए.आर. रहमान की शुरु से ही संगीत में रुचि होने की वजह से उन्होंने संगीत की शुरुआती शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त हुई और वे 11 साल की अल्पायु में ही वे अपने पिता के करीबी दोस्त एम.के. अर्जुन के साथ मलयालम ऑर्केस्ट्रा बजाया करते थे। और फिर बाद में अपने बचपन के दोस्त शिवमणि के साथ रहमान बैंड ”रुट्स” के लिए की-बोर्ड बजाने लगे थे। इसके साथ ही वे कई अन्य बैंड के लिए भी काम करते थे।
बाद में उन्होंने चेन्नई पर आधारित रॉक ग्रुप नेमसिस एवेन्यु की भी स्थापना की थी। ए. आर रहमान की हुनर को देखते हुए उन्हें ट्रिनिटी कॉलेज, लन्दन के संगीत विभाग से स्कॉलरशिप भी दी गई थी। चेन्नई में पढते हुए, रहमान अपने स्कूल से ही वेस्टर्न क्लासिकल संगीत में ग्रेजुएट हुए।
पियानो, हारमोनियम, सिंथेसाइज़र, रहमान कीबोर्ड और गिटार के महान ज्ञाता कहलाते हैं विशेष तौर पर तो उन्होंने सिंथेसाइज़र में महारथ हासिल की थी, क्योकि उनके अनुसार सिंथेसाइज़र में संगीत और तंत्रज्ञान का अद्भुत संगम होता है।
करियर
1991 में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया।1992 में उन्हें फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम ने अपनी फिल्म रोजा में संगीत देने का न्यौता दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीता। इस पुरस्कार के साथ शुरू हुआ रहमान की जीत का सिलसिला आज तक जारी है। रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिग बिक चुकी हैं। आज वे विश्व के टॉप टेन म्यूजिक कंपोजर्स में गिने जाते हैं। उन्होंने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, रंगीला, ताल, जींस, पुकार, फिजा, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लम डॉग मिलेनियर, गजनी जैसी फिल्मों में संगीत दिया है। उन्होंने देश की आजादी की 50 वीं वर्षगाँठ पर1997 में "वंदे मातरम्" एलबम बनाया, जो जबर्दस्त सफल रहा। भारत बाला के निर्देशन में बनी एलबम "जन गण मन", जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़ी कई नामी हस्तियों ने सहयोग दिया उनका एक और महत्वपूर्ण काम था। उन्होंने स्वयं कई विज्ञापनों के जिंगल लिखे और उनका संगीत तैयार किया। उन्होंने जाने-माने कोरियोग्राफर प्रभुदेवा और शोभना के साथ मिलकर तमिल सिनेमा के डांसरों का ट्रुप बनाया, जिसने माइकल जैक्सन के साथ मिलकर स्टेज कार्यक्रम दिए। बाद में, रहमान ने वैनेसा रोथ द्वारा निर्देशित “डॉटर्स ऑफ डेस्टिनी” नामक नेटफ्लिक्स श्रृंखला के लिए संगीत तैयार किया। इसके अलावा, वह WHO की “स्टॉप टीबी पार्टनरशिप” के वैश्विक राजदूत हैं और भारत में भी “सेव द चाइल्ड” को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, वह सिक्किम के पहले ब्रांड एंबेसडर हैं।रहमान भारत की कला और संस्कृति के विकास में उनके योगदान के लिए सेशेल्स के सांस्कृतिक राजदूत भी हैं।
2017 में, रहमान ने नोरा अर्नेज़ेडर, गाय बर्नेट, मुनिरिह ग्रेस और मरियम ज़ोहराबयान अभिनीत भारतीय आभासी वास्तविकता फिल्म “ले मस्क” के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की।
”Harmony With A. R. Rahman” एक शानदार शॉट वाला शो, जिसे 2018 में अमेज़ॅन प्राइम वीडियो पर प्रसारित किया गया था, जिसमें भारत के चार हिस्सों- महाराष्ट्र, केरल, सिक्किम और मणिपुर के संगीतकार शामिल हैं।
इसके अलावा ए.आर. एहमान एक ऐसे महान कलाकार हैं, जिन्होंने न सिर्फ देश में, बल्कि दुनिया के कई महान कलाकारों के साथ काम किया है और अपनी गायकी प्रतिभा का पूरे विश्व में लोहा मनवाया है।
ए आर. रहमान का व्यक्तिगत जीवन
ए आर. रहमान का विवाह सायरा बानों के साथ हुआ था और शादी के बाद उन्हें तीन बच्चे भी हुए, जिनके नाम खतीजा, रहीमा और अमीन हैं।
ऑस्कर विजेता ए.आर रहमान ऐसे बने हिन्दू से मुस्लिम:
अपनी सुरीली और अद्भुत गायकी से करोड़ों लोगों के दिल में अपनी एक अलग जगह बनाने वाले देश के प्रतिष्ठित गायक ए.आर. रहमान की बहन की जब एक बार बेहद तबीयत खराब हो गई थी, उस दौरान ए.आर. रहमान ने अपने पूरे परिवार के साथ धर्म-परिवर्तन कर लिया था और उनका नाम ”ए एस दिलीप कुमार’ से ए आर रहमान यानी यानि कि ”अल्लाह रखा रहमान” पड़ गया।
वहीं उनके बारे में सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि भारतीय फिल्म जगत में अपनी गायकी और एक्टिंग की प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले लेजेंड्री एक्टर दिलीप कुमार की पत्नी और ए. आर. रहमान की पत्नी दोनों का नाम सायरा बानो हैं।
रहमान के बारे में रोचक एवं दिलचस्प बातें
· एक बच्चे के तौर पर उन्हें दूरदर्शन वंडर्स बलून में देखा जा सकता था, जहां एक ही समय में एक साथ 4 कीबोर्ड बजाने के लिये वे प्रसिद्ध थे।
· रहमान एक कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहते थे।
· ए. आर. रहमान को रिकॉर्ड प्लेयर के संचालक के रुप में 50 रुपए का पारितोषक मिलता था।
· नवम्बर 2013 में उन्हें सम्मान देते हुए मरखाम, ओंटारियो, कनाडा की कुछ जगहों के नाम को उनके नाम पर रखा गया था।
· रहमान और उनके बेटे अमीन की जन्म तारीख एक ही है, 6 जनवरी।
· स्लमडॉग मिलियनेयर को छोड़कर रहमान ने हॉलीवुड फिल्मो में भी काफी पहचान बनाई है जिसमे 127 ऑवर और लॉर्ड ऑफ़ वॉर शामिल है।
· लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड 2007 में रहमान को “संगीत के क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध भारतीय” का अवार्ड दिया गया।
· ऑस्कर विजेता गाना “जय हो” सलमान खान की युवराज के लिये गाया जाने वाला था।
· जो कीबोर्ड रहमान बचपन में चलाते थे वह आज चेन्नई में उनके स्टूडियो में रखा गया है।
· अंतरराष्ट्रीय सफलता के बावजूद रहमान ने दक्षिण भारतीय फिल्मों में गाना कभी नही छोड़ा।
· एक ही साल में 2 ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाले ए आर रहमान पहले एशियाई है।
· फ्रेंच टी.व्ही. ने अपनी प्रसिद्ध फिल्म बॉम्बे के लिये रहमान का ही थीम गाना लिया था। यह भी उनके लिए अपने आप में ही विशेष सम्मान है।
· एयरटेल की प्रसिद्ध टोन को भी, संगीतकार रहमान ने ही गाया है, जो दुनिया की सबसे ज्यादा डाउनलोड की जाने वाली टोन बनी, जिसे 150 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया था।
· Gq द्वारा उन्हें 2011 का सबसे प्रसिद्ध एवं ख्याति प्राप्त व्यक्ति का सम्मान दिया गया था।
· साल 2009 में ए आर रहमान का लगान फिल्म का गाना Amazon.Com के दुनिया के प्रसिद्ध 100 गानों की लिस्ट में 45 वें स्थान पर था।
· 2005 में, फिल्म आलोचनकर्ता रिचर्ड कोर्लिस ने रहमान के शुरुवाती गाने को सभी समय के 10 बेस्ट गानों की लिस्ट में शामिल किया था।
· यही नहीं बल्कि 2009 में टाइम पत्रिका ने रहमान को दुनिया में अपना प्रभाव छोड़ने वालों की सूचि में भी शामिल किया था।
ए आर रहमान को मिले पुरस्कार और सम्मान
· फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर के लिए ए आर रहमान को संगीत के लिए सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था।
· साल 1992 में ए आर रहमान को फिल्म रोजा के बेस्ट डायरेक्टर के रुप में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
· साल 2000 में भारत सरकार के द्वारा ए आर रहमान को देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
· साल 2001 में ए.आर. रहमान को फिल्म लगान के बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर के रुप में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
· साल 2001 में संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए ए.आर रहमान को ”अवध सम्मान” से नवाजा गया था।
· साल 2001 में ए आर रहमान को फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर के लिए ”गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड ” से सम्मानित किया गया था। वे इस अवॉर्ड को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं।
· साल 2004 में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें ”राष्ट्रीय लता मंगेशकर” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
· साल 2009 में ए आर रहमान को फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर के लिए बेस्ट म्यूजिक के लिए बाफ्टा पुरस्कार से नवाजा गया था।
· साल 2009 में ए आर रहमान को फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर के बेस्ट सॉन्ग्स और शानदार साउंडट्रैक के लिए ग्रेमी अवॉर्ड से नवाजा गया था।
· साल 2009 में ही ए. आर रहमान को फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर के पॉपुलर सॉन्ग ”जय हो” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
· साल 2010 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
· साल 2011 में उन्हें फिल्म 127 HOURS के बेस्ट सॉन्ग ”If I Rise” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नामांकित किया गया।
· साल 2017 में ए.आर. रहमान को फिल्म मोम के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर के रुप में नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
· इसके अलावा भी ए.आर. रहमान को कई अन्य अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।
· आज ए. आर. रहमान का का नाम दुनिया के प्रसिद्ध संगीतकारों में लिया जाता है, उन्होंने अपनी कला से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। उनके अनुयायी हमें सिर्फ भारत ही नही बल्कि पुरे विश्व में दिखाई देते है। उनके द्वारा
· गाये गाने “जय हो” ने तो कई विश्व रिकार्ड्स तोड़ दिए थे। ऐसे महान संगीतकार का अवश्य सम्मान करना चाहिए।