महाराष्ट्र चुनाव : वोटों के बहाने मुस्लिम समाज को एकजुट और आक्रामक बनाने का कुचक्र
Date : 18-Nov-2024
भाजपा को सत्ता दूर करने केलिये उलेमा बोर्ड, 180 एनजीओ और छद्म सेकुलरी मैदान में
मुस्लिम समाज में इन 180 स्वयं सेवी संगठनों की सक्रियता के बीच ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की महाराष्ट्र ईकाई द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील और सत्रह सूत्रीय मांगपत्र भी सामने आया है। यह अपील और मांगपत्र भले चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में सामने आये लेकिन उलेमा संगठन बहुत पहले से भाजपा गठबंधन "महायुति" को हराने और काँग्रेस गठबंधन "महाविकास अघाड़ी" के उम्मीदवारों जिताने केलिये सक्रिय हो गया था । इसे उलेमाओं द्वारा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की बैठकों में दिये गये भाषणों से समझा जा सकता है। ऐसी बैठकों और भाषणों के अनेक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं । उलेमा बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि महा विकास अघाड़ी के समर्थन में पत्र जारी करने से पहले महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से चर्चा हो गई थी । चर्चा केलिये यह बैठक वर्ष 2023 में मुम्बई में होने का दावा किया जा रहा है । नाना पटोले ने इस दावे का खंडन नहीं किया बल्कि उन्होंने मीडिया के प्रश्न को टाला है । इससे बैठक होने से इंकार नहीं किया जा सकता । उलेमाबोर्ड ने लोकसभा चुनाव में भी महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों का खुलकर समर्थन किया था कहीं कहीं तो स्थानीय स्तर पर फतवे भी जारी हुये थे । ऐसी बैठकें अब महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में भी हो रही हैं। उलेमा बोर्ड द्वारा महाविकास अघाड़ी को समर्थन करने की घोषणा और यह मांगपत्र 24 अक्टूबर 2024 को तैयार हुआ था । इस माँगपत्र में कुल सत्रह विन्दु हैं । इनमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबंध, शिक्षा और नौकरियों में मुस्लिमों को 10% आरक्षण, वक्फ बिल का विरोध, महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को एक हजार करोड़ का अनुदान, 2012 से 2024 तक के दौरान हुये साम्प्रदायिक दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार मौलाना सलमान अजहरी सहित सभी मुसलमानों की रिहाई का प्रयास करना, मस्जिदों के इमामों और मौलवियों को 15 हजार रुपये मासिक वेतन देने, पुलिस की भर्ती में मुस्लिम युवाओं को वरीयता देंने, रामगिरी महाराज और नितेश राणे पर कार्रवाई करने, सरकारी समितियों में उलेमा बोर्ड के मौलवियों और इमामों को शामिल करने, महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती और इस भर्ती में मुसलमान युवकों को प्राथमिकता, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने, पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ बोलने पर प्रतिबंध, सभी जिलों में मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की जब्त जमीनों का सर्वे करने और उलेमा बोर्ड को महाराष्ट्र के सभी 48 जिलों में जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने जैसी माँगे हैं । उलेमा बोर्ड ने अपनी मांगों के इस पत्र की प्रतियाँ महाविकास अघाड़ी के तीनों प्रमुख घटकों एनसीपी (एसपी) के मुखिया शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को भेजी हैं । पत्र में कहा गया है कि हम विधानसभा चुनाव में भी महाविकास अघाड़ी को समर्थन दे रहे हैं। यदि राज्य में एमवीए की सरकार बनती है तो हमारी इन 17 मांगों को पूरा किया जाए।