मंदिर श्रृंखला:- ईडाणा माता मंदिर | The Voice TV

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सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

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मंदिर श्रृंखला:- ईडाणा माता मंदिर

Date : 18-Nov-2024

यह हमारे लिए आश्चर्य की बात नहीं होगी, यदि हम कहे कि हमारे  देश में अनेक ऐसे-ऐसे चमत्कारिक मंदिर हैं, जिन्हें देखे बिना शायद किसी को इन चमत्कारों पर यकीन नहीं होगा। कहीं मंदिर के खंबे हवा में झूल रहे हैं तो कहीं भगवान शराब पी रहे हैं, कहीं पानी से दीपक जल रहा है। जाने इतने कैसे ही चमत्कार हमारे देश के मंदिरों में देखने को मिलते हैं। उन्ही में से एक चमत्कारिक मंदिर है , जहां देवी अग्नि स्नान करती हैं।

यह चमत्कारिक मंदिर राजस्थान में स्थित है और इसे ईडाणा माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह स्थान उदयपुर शहर से 60 किमी दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित है। इस मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है और एकदम खुले चौक में स्थित है। इस मंदिर का नाम ईडाणा उदयपुर मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

यहां ईडाणा माता अग्नि से स्नान करती है। मान्यता है कि महीने में कम से कम 2-3 बार स्वत: ही अग्नि प्रज्जवलित हो जाती है और इस अग्नि में माता की मूर्ति को छोड़कर उनका पूरा श्रृंगार और चुनरी सब कुछ स्वाहा हो जाता है। इस अग्नि स्नान को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है | अग्नि कैसे जलती है आज तक कोई भी इस बात का पता नहीं लगा पाया है जो आज भी बहुत गहरा राज समेटे हुए  है |

इस मंदिर में भक्तों की खास आस्था है, क्योंकि यहां मान्यता है कि लकवे. से ग्रसित रोगी यहां मां के दरबार में आकर ठीक हो जाते हैं। ईडाणा माता मंदिर में अग्नि स्नान का पता लगते ही आस-पास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। मंदिर के पुजारी के अनुसार ईडाणा माता पर अधिक भार होने पर माता स्वयं ज्वालादेवी का रूप धारण कर लेती हैं। ये अग्नि धीरे-धीरे विकराल रूप धारण करती है और इसकी लपटें 10 से 20 फीट तक पहुंच जाती है।

मान्यता के अनुसार आज तक श्रृंगार के अलावा अग्नि से किसी और चीज को नुकसान नहीं पहुंचा है। इसे देवी का स्नान माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी अग्नि स्नान के कारण यहां मां का मंदिर नहीं बन पाया है ।

मंदिर के प्रति लोगों का विश्वास है यहां भक्त अपनी इच्छा पूर्ण होने पर त्रिशूल चढ़ाने आते है और साथ ही जिन लोगों के संतान नहीं होती वो दंपती यहां झूला चढ़ाने आते हैं।  

 
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