आखिर तीसरी बार में लॉन्च हो सका चांद पर यात्रा का अमेरिकी मिशन | The Voice TV

Quote :

बड़ा बनना है तो दूसरों को उठाना सीखो, गिराना नहीं - अज्ञात

International

आखिर तीसरी बार में लॉन्च हो सका चांद पर यात्रा का अमेरिकी मिशन

Date : 16-Nov-2022

- फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से किया गया 'मेगा मून रॉकेट' आर्टेमिस-1 का प्रक्षेपण

वाशिंगटन, 16 नवंबर (हि.स.)। आखिर तीसरी बार में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का महत्वाकांक्षी चंद्रयान आर्टेमिस-1 लॉन्च हो गया। 53 साल बाद चांद पर यात्रा के इस अमेरिकी मिशन के अंतर्गत 32 मंजिल के बराबर ऊंचाई वाले अंतरिक्ष लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) रॉकेट को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का 'मेगा मून रॉकेट' आर्टेमिस-1 का प्रक्षेपण इस वर्ष 29 अगस्त को किया जाना था। परीक्षण की अंतिम तैयारियों के लिए ईंधन भरने के दौरान इसमें खतरनाक रिसाव हुआ। रॉकेट में ईंधन पहुंचाने वाले सिस्टम को दुरुस्त करने की कोशिश की गई लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिलने के कारण लांचिंग टाल दी गयी थी। इसके बाद सितंबर में एक बार फिर इसे लांच करने की तैयारी की गयी, लेकिन फिर सफलता नहीं मिली।

अंतरिक्ष रॉकेट आर्टेमिस-1 और ऑरियन स्पेसक्रॉफ्ट की पहली परीक्षण उड़ान है। 322 फुट (98 मीटर) लंबा यह रॉकेट अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इसके माध्यम से नासा के 'अपोलो' अभियान के 53 साल बाद चंद्रमा की कक्षा में एक खाली 'क्रू कैप्सूल' भेजा गया है। खाली 'क्रू कैप्सूल' का आशय एक टेस्ट फ्लाइट से है जिसमें अंतरिक्ष यात्री नहीं होंगे। दरअसल, अमेरिका 53 साल बाद इंसानों को चांद पर एकबार फिर भेजने की तैयारी कर रहा है और आर्टेमिस-1 इस दिशा में पहला कदम है।

इससे बिना चालक दल वाले ऑरियन स्पेसक्राफ्ट को चांद पर छोड़ा गया। ऑरियन करीब 42 दिनों तक चांद पर परीक्षण करेगा। इस दौरान ओरियन करीब 70 हजार किलोमीटर की यात्रा करेगा और पृथ्वी से अब तक की सबसे ज्यादा दूरी पर पहुंचेगा। इस दौरान अगर इसमें अंतरिक्ष यात्री होते तो उन्हें दूर से पृथ्वी और चांद का भव्य दृश्य दिखाई देता।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव मिश्र

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement