मॉस्को में आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को गहराई देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी निरंतर सुदृढ़ हो रही है और अब समय आ गया है कि दोनों देश पारंपरिक सहयोग से आगे बढ़कर नए क्षेत्रों और अवसरों की खोज करें।
डॉ. जयशंकर ने व्यापारिक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अधिक व्यापार करें, निवेश बढ़ाएं और संयुक्त उद्यमों की संभावनाओं पर विचार करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को मिलकर आर्थिक सहयोग के नए आयाम खोलने चाहिए।
उन्होंने हाल के वर्षों में वैश्विक चुनौतियों—जैसे कोविड-19 महामारी, अंतरराष्ट्रीय संघर्ष, राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन तथा व्यापार अस्थिरता—का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सभी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्थिर और भरोसेमंद साझेदारों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि इस दिशा में वार्ता जारी है, जिसमें संपर्क बेहतर बनाने, व्यापार प्रक्रियाओं को सुगम बनाने और रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त निवेश को बढ़ावा देने जैसे विषय शामिल हैं।
डॉ. जयशंकर का यह संबोधन भारत-रूस आर्थिक सहयोग को और अधिक गतिशील और व्यावहारिक बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब दोनों देश वैश्विक स्तर पर बदलते व्यापारिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य का सामना कर रहे हैं।