ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी खुफिया तंत्र में व्यापक बदलाव करते हुए रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल जेफरी क्रूस को उनके पद से हटा दिया है। उनके साथ ही नौसेना रिजर्व की प्रमुख वाइस एडमिरल नैन्सी लैकोर और नौसेना विशेष युद्ध कमान के प्रभारी रियर एडमिरल मिल्टन सैंड्स को भी बर्खास्त कर दिया गया है।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप प्रशासन खुफिया समुदाय में अपने वफादार अधिकारियों को नियुक्त करने की नीति पर काम कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, जेफरी क्रूस की बर्खास्तगी के पीछे जून में किया गया डीआईए का एक प्रारंभिक आकलन है, जिसमें यह निष्कर्ष निकाला गया था कि ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों से वे पूरी तरह नष्ट नहीं हुए थे। इसके उलट, रिपोर्ट में कहा गया कि इन हमलों के चलते ईरानी परमाणु कार्यक्रम कुछ महीनों के लिए पीछे ज़रूर चला गया, लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ था।
इस आकलन को राष्ट्रपति ट्रंप के दावे के विपरीत माना गया, जिससे प्रशासन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बाद में रक्षा विभाग और सीआईए द्वारा दी गई खुफिया जानकारी में नुकसान को कहीं अधिक बताया गया, जिससे डीआईए की रिपोर्ट पर संदेह जताया गया। इसके बाद यह बर्खास्तगी की कार्रवाई सामने आई।