अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह उस निचली अदालत के फैसले को पलटे, जिसमें उनके द्वारा लगाए गए कई आयात शुल्क (टैरिफ) को अवैध ठहराया गया था। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रपति को विदेशी राष्ट्रों पर टैरिफ लगाने का संवैधानिक अधिकार है, विशेष रूप से जब यह राष्ट्रीय सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों से जुड़ा हो।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि निचली अदालत का निर्णय न केवल कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण है, बल्कि इससे जारी व्यापार वार्ताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा उपायों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों पर अनावश्यक कानूनी अनिश्चितता पैदा हुई है।
यह मामला उस समय आया है जब एक अमेरिकी संघीय अपीलीय न्यायालय ने 7-4 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि टैरिफ लगाने का अधिकार केवल कांग्रेस के पास है, और ट्रंप का इस अधिकार का प्रयोग करना अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) की सीमाओं से बाहर है।
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने IEEPA के तहत यह दावा किया था कि अमेरिका को "असामान्य और असाधारण" खतरों से बचाने के लिए राष्ट्रपति को आपातकालीन टैरिफ लगाने का अधिकार है। लेकिन अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यह अधिकार कांग्रेस की प्राथमिक शक्तियों में आता है।
यदि सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखता है, तो यह ट्रंप की विदेश और आर्थिक नीति के बड़े हिस्से को कमजोर कर सकता है और अमेरिका को अरबों डॉलर के आयात शुल्क वापस करने पड़ सकते हैं।