संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) के अनुसार, अमेरिका में 29 अगस्त को लागू किए गए नए टैरिफ के बाद अंतरराष्ट्रीय डाक यातायात में 80% से अधिक की गिरावट आई है।
यह गिरावट अमेरिका द्वारा 800 अमेरिकी डॉलर से कम मूल्य वाले छोटे पार्सलों को शुल्क-मुक्त प्रवेश की अनुमति देने वाले 1938 से लागू पुराने नियम को समाप्त करने के बाद सामने आई है। इस नियम के तहत, 2024 तक कम मूल्य के आयातों की संख्या बढ़कर 1.36 अरब पैकेज तक पहुंच गई थी।
हालांकि, आलोचकों का कहना है कि इस शुल्क छूट ने अवैध आयात, नशीली दवाओं की तस्करी और घरेलू खुदरा विक्रेताओं को नुकसान पहुंचाने जैसे जोखिम भी पैदा किए।
अब अमेरिका भेजे जाने वाले सभी पार्सल सीमा शुल्क के अधीन हैं। इससे डाक सेवाओं को न केवल शुल्क वसूलना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें सीमा शुल्क दस्तावेज़ों की प्रक्रिया भी पूरी करनी पड़ रही है।
यूपीयू के अनुसार, कई देशों की डाक सेवाओं को बदलावों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला, जिससे गंभीर व्यवधान पैदा हुए हैं। परिणामस्वरूप, 88 डाक ऑपरेटरों ने अमेरिका को पार्सल भेजना आंशिक या पूरी तरह से बंद कर दिया है। इनमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ताइवान, मैक्सिको और स्विट्ज़रलैंड जैसे देश शामिल हैं।
यूपीयू फिलहाल अमेरिका में डाक सेवाएं फिर से बहाल करने के लिए एक तकनीकी समाधान पर काम कर रहा है।