रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूस, भारत और चीन साझा हितों के आधार पर अपने सहयोग को मज़बूत कर रहे हैं। उन्होंने यह टिप्पणी तियानजिन में हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के संदर्भ में की, जहाँ इन तीनों देशों के बीच दिखाई गई एकता को उन्होंने विशेष रूप से रेखांकित किया।
लावरोव ने बताया कि तीनों देशों के बीच आर्थिक विकास, सामाजिक समस्याओं के समाधान और जीवन स्तर में सुधार जैसे कई साझा लक्ष्य हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सभी बातों पर पूर्ण सहमति नहीं है, लेकिन फिर भी आपसी सहयोग की दिशा में मजबूत प्रगति हो रही है।
यह शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में तब आया जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीन बार एक-दूसरे से मिलते और हाथ मिलाते हुए देखा गया। लावरोव ने इस दृश्य को वैश्विक शक्ति संतुलन में हो रहे बदलाव और तीनों देशों के बीच अभिसरण का प्रतीक बताया।
इस घटनाक्रम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी और शिकायत की कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के पक्ष में खो दिया है। उन्होंने इस स्थिति का दोष भारतीय वस्तुओं पर बढ़ाए गए टैरिफ और रूसी तेल की खरीद पर लगाए गए प्रतिबंधों को दिया, जिसके कारण वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच तनाव बढ़ा है।