बोत्सवाना आज प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत को आठ चीते सौंपेगा। यह घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और बोत्सवाना के राष्ट्रपति डूमा बोको के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में की गई।
दोनों देशों के राष्ट्रपति आज गैबोरोन के पास स्थित क्वारंटाइन केंद्र में पकड़े गए चीतों को छोड़े जाने के साक्षी बनेंगे। यह कार्यक्रम बोत्सवाना द्वारा भारत को चीतों के प्रतीकात्मक दान का प्रतीक होगा और वन्यजीव संरक्षण में द्विपक्षीय सहयोग के एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा। भारत भेजे जाने से पहले चीते कुछ समय तक क्वारंटाइन केंद्र में रहेंगे।
राष्ट्रपति डूमा बोको ने कहा कि यह पहल साझा पर्यावरणीय लक्ष्यों और जैव विविधता संरक्षण की भावना को दर्शाती है। राष्ट्रपति मुर्मू ने बोत्सवाना को धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत इन बड़ी बिल्लियों की पूरी देखभाल करेगा।
प्रोजेक्ट चीता भारत में चीतों को पुनः बसाने की एक ऐतिहासिक पहल है। 1950 के दशक में भारत में चीते विलुप्त हो गए थे। सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था। इसके बाद 2023 में दक्षिण अफ्रीका से बारह चीते भारत आए। इनमें से अधिकांश चीते अब अपने नए परिवेश में ढल चुके हैं और कुछ ने प्रजनन भी शुरू कर दिया है।
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत और बोत्सवाना ने स्वास्थ्य सेवा और औषधि क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। भारत ने बोत्सवाना को एचआईवी उपचार कार्यक्रम में सहायता के लिए एआरवी दवाओं की आपूर्ति की घोषणा भी की।
राष्ट्रपति मुर्मू ने बोत्सवाना की संसद को संबोधित किया और डायमंड ट्रेडिंग कंपनी बोत्सवाना का दौरा किया। शाम को राष्ट्रपति बोको ने उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया। अपनी यात्रा के अंतिम दिन, राष्ट्रपति मुर्मू बोत्सवाना में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगी।
