भारत और श्रीलंका ने भारतीय अनुदान सहायता के अंतर्गत लागू की जा रही उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं (HICDP) की रूपरेखा को अगले पाँच वर्षों के लिए बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर कोलंबो में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा और श्रीलंका के वित्त, योजना एवं आर्थिक विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. हर्षना सूर्यप्पेरुमा ने हस्ताक्षर किए।
एचआईसीडीपी का उद्देश्य श्रीलंका की विकास प्राथमिकताओं के अनुरूप ऐसी छोटी लेकिन उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं को बढ़ावा देना है, जिनकी लागत प्रत्येक परियोजना के लिए 600 मिलियन श्रीलंकाई रुपये (LKR) तक सीमित है, जबकि कुल पोर्टफोलियो 10 बिलियन LKR तक निर्धारित है।
2005 में इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से अब तक 50 से अधिक परियोजनाएँ पूरी की जा चुकी हैं। इनमें जाफना में दुरईअप्पा स्टेडियम का नवीनीकरण, रुहुना विश्वविद्यालय में रवींद्रनाथ टैगोर स्मारक सभागार की स्थापना, तथा 70 एस्टेट-सेक्टर क्रेचों का उन्नयन जैसी पहलें शामिल हैं।
वर्तमान में, 7 बिलियन LKR से अधिक की 21 परियोजनाएँ विभिन्न चरणों में कार्यान्वयनाधीन हैं, जिनमें मॉडल गांव, स्मार्ट कक्षाएं और स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण शामिल है। यह विस्तार भारत की श्रीलंका के जमीनी स्तर पर सतत विकास के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करता है।
