काठमांडू, 11 नवंबर । नेपाल सरकार ने ऊर्जा और सिंचाई क्षेत्र की 16 प्रमुख परियोजनाओं को 'राष्ट्रीय गौरव परियोजना' के रूप में सूचीबद्ध किया है। ऊर्जा, जलस्रोत तथा सिंचाई मंत्रालय ने यह सूची उन परियोजनाओं की बनाई है, जो सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से ऊर्जा विकास, जलविद्युत उत्पादन, प्रसारण और वितरण के क्षेत्र में कार्यान्वित होंगी।
सरकार ने लंबे समय से विवादित रही कालीगण्डकी–तिनाउ बहुउद्देश्यीय परियोजना को भी इस सूची में शामिल किया है। साथ ही पहले से ही 'राष्ट्रीय गौरव के परियोजनाओं' में शामिल कुछ योजनाएं भी इस सूची में रखी गई हैं। इनमें बबई सिंचाई परियोजना, भेरी–बबई डाइवर्सन, सुनकोशी–मरिन डाइवर्सन, सिक्टा सिंचाई, और महाकाली सिंचाई परियोजना हैं। इसके अलावा रानी जमरा कुलरिया सिंचाई, नौमुरे बहुउद्देश्यीय परियोजना, कालीगण्डकी–तिनाउ बहुउद्देश्यीय परियोजना, बागमती सिंचाई, नवीनतम यांत्रिक सिंचाई परियोजना, प्रगन्न और बड्कापथ सिंचाई परियोजना को भी इस सूची में शामिल किया गया है।
इसी तरह सुनसरी–मोरङ सिंचाई परियोजना, सिंचाई एवं जलस्रोत प्रबंधन परियोजना, विस्तृत दांग सिंचाई परियोजना, जलस्रोत संरक्षण परियोजना (रुपाताल और धाप बांध) तथा कर्णाली, पश्चिम राप्ती और नारायणी नदी प्रबंधन परियोजनाएं भी राष्ट्रीय गौरव परियोजना की सूची में जोड़ी गई हैं।सूची में शामिल परियोजनाओं के लिए बजट की सुनिश्चितता की जाएगी और उनके कार्यान्वयन में सरकारी सहयोग और प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। इनमें बहुउद्देश्यीय योजनाएं, नदी मोड़ (डाइवर्सन) परियोजनाएं और सिंचाई तंत्र के आधुनिकीकरण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। साथ ही इस सूची में जलस्रोत प्रबंधन, जलविद्युत उत्पादन, प्रसारण और वितरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी समेटा गया है।
ऊर्जा, जलस्रोत तथा सिंचाई मंत्रालय की सचिव सरिता दवाडी ने कहा कि यह सूची देश के विकास को नई दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सूची में शामिल परियोजनाएं ग्रामीण कृषि विकास, ऊर्जा सुरक्षा, और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
