चक्रवात दित्वा के लगातार बढ़ते प्रभावों के कारण श्रीलंका गंभीर संकट से जूझ रहा है। इस तूफ़ान ने कई दिनों तक भारी बारिश, घातक भूस्खलन और व्यापक तबाही मचाई है। देश के एक दर्जन से अधिक ज़िलों में आई भीषण बाढ़ से कम से कम 56 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 21 लोग अब भी लापता हैं।
लगभग 12,000 परिवारों के 44,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। कई घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, जबकि परिवहन नेटवर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे राहत कार्यों में अतिरिक्त चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं।
पिछले 24 घंटों में बारिश रिकॉर्ड स्तर पर रही—
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वावुनिया के चेड्डीकुलम में 315 मिमी,
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मुल्लातिवु के अलापल्ली में 305 मिमी,
जबकि अन्य कई जिलों में 200 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
लगातार बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन को और खतरनाक बना दिया है। इसके चलते भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता प्रभावित हुई, जिससे उड़ानों को अन्य मार्गों पर भेजना पड़ा। सरकार ने राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए सभी गैर-ज़रूरी सरकारी कार्यालयों और स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात दित्वा अब उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है, जहाँ आगे और गंभीर मौसम की संभावना जताई गई है।
