जोशीमठ में भूगर्भीय हलचल से दहशत, मुख्यमंत्री आज लेंगे जायजा, ओएनजीसी से सहयोग पर सहमति | The Voice TV

Quote :

सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

National

जोशीमठ में भूगर्भीय हलचल से दहशत, मुख्यमंत्री आज लेंगे जायजा, ओएनजीसी से सहयोग पर सहमति

Date : 07-Jan-2023

 जोशीमठ (चमोली) उत्तराखंड , 07 जनवरी (हि.स.)। भारत-चीन सीमा से सटे जोशीमठ में हो रही भूगर्भीय हलचल से लोग दहशत में हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज निरीक्षण के लिए यहां पहुंच रहे हैं। जोशीमठ के औली-सुनील से मारवाड़ी और परसारी से खोंन-होसी तक की आबादी पर खतरा मंडराने लगा है।

जोशीमठ में ऐसा कोई घर बाकी नहीं है, जिस पर दरारें न आई हों। जमीन लगातार फट रही है। दीवारों पर दरारें पड़ रही हैं। फर्श के नीचे पानी भर गया है। जमीन धंसने की शुरुआत पिछले साल जुलाई में सुनील वार्ड, गांधी नगर वार्ड और रविग्राम के कोठलागढ़ में हुई थी। तब कई परिवार पलायन कर गए थे। फिर वैज्ञानिकों की टीम पहुंची। सर्वेक्षण भी हुआ। शासन को रिपोर्ट भेजी गई। फाइल देखने की भी जहमत नहीं उठाई गई। और दिसंबर आते-आते मनोहर बाग वार्ड में जमीन धंसी तो हल्ला मचना शुरू हुआ। नया वर्ष आते-आते सिंहधार से लेकर मारवाड़ी वार्ड इस आफत से घिर गए।

मनोहर बाग वार्ड के करीब 80 घरों के जमींदोज होने का खतरा बढ़ गया है। घरों के आसपास खेत फटने लगने लगे हैं। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोग रतजगा करने को विवश हैं। सरकारी और प्रशासन के कानों में जूं न रेंगने पर लोगों का गुस्सा सड़क पर फूटा। चक्का जाम और बंद के बाद सरकार और अधिकारी हरकत में आए। गढ़वाल कमिश्नर और आपदा प्रबंधन सचिव दौड़े-दौड़े आए। तब राहत-बचाव कार्य शुरू हुए। जिला प्रशासन ने आपदा अधिनियम के मद्देनजर एनटीपीसी की परियोजना, हेलंग-मारवाड़ी बाइपास एवं जोशीमठ में निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित कर करीब 1271 लोगों के रहने के लिए सरकारी और गैरसरकारी भवनों को अधिग्रहित किया।

आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा और गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने वैज्ञानिकों के साथ भूगर्भीय हलचल से प्रभावित औली सुनील से मारवाड़ी-विष्णुप्रयाग, रविग्राम, गांधीनगर के घरों का सर्वेक्षण किया। तपोवन में एनटीपीसी की टनल में घुसकर पानी और मलबे का सैम्पल लिया। नागरिकों ने इस त्रासदी का प्रमुख कारण एनटीपीसी की टनल व हेलंग-मारवाड़ी बाइपास को बताया। सिन्हा ने तपोवन से लेकर जोशीमठ तक विस्फोट से होने वाले कंपन के आकलन के लिए अलग अलग स्थानों पर संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी को निर्देश दिए।

हालात पर नजर रखने के लिए अफसर तैनात हैं। एनडीआरएफ पर अलर्ट है। लोगों प्रार्थना कर रहे हैं कि आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य की तपोस्थली, भगवान बद्रीविशाल और हेमकुंड साहिब-लोकपाल के प्रवेश द्वार की भगवान रक्षा करें। इस भूगर्भीय हलचल से निपटने के लिए ओएनजीसी से सहयोग लेने पर सहमति बनी है।आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि ऐतिहासिक नगर जोशीमठ को बचाने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement