प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ऐतिहासिक घाना यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के साथ व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें दोनों देशों ने व्यापार, रक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग सहित कई क्षेत्रों में साझेदारी को नई दिशा देने का संकल्प लिया।
आगमन और औपचारिक स्वागत:
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प्रधानमंत्री मोदी कल रात अकरा पहुंचे, जहाँ उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी के साथ किया गया।
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इसके बाद दोनों नेताओं के बीच प्रतिबंधित और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।
साझेदारी को 'व्यापक साझेदारी' का दर्जा:
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस वक्तव्य में कहा:
“भारत केवल साझेदार नहीं, घाना की राष्ट्र निर्माण यात्रा में सह-यात्री है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत और घाना 'एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा' के सिद्धांत पर दفاع और साइबर सुरक्षा, समुद्री सहयोग और सशस्त्र बल प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में एक साथ काम करेंगे।
चार महत्वपूर्ण समझौते:
वार्ता के बाद चार समझौता ज्ञापनों (MoUs) का आदान-प्रदान हुआ:
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संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग
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मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण
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आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा
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संयुक्त आयोग तंत्र की स्थापना
विकास साझेदारी के प्रमुख क्षेत्र:
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स्वास्थ्य और फार्मा
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यूपीआई (डिजिटल भुगतान तकनीक)
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कौशल विकास और क्षमता निर्माण
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बुनियादी ढांचे में निवेश
वैश्विक विषयों पर चर्चा:
दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुधार और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित:
राजकीय भोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को "ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना" से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान घाना सरकार द्वारा विदेशी नेताओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक नेतृत्व और राजनीतिक योगदान की मान्यता है।
यह यात्रा भारत-घाना संबंधों में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहाँ राजनीतिक सहयोग के साथ-साथ सांस्कृतिक, तकनीकी और सामरिक रिश्ते भी गहरे हो रहे हैं।