अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली ने आज से तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘शल्यकॉन 2025’ का आयोजन शुरू किया है। यह आयोजन महान आयुर्वेदाचार्य और शल्य चिकित्सा के जनक आचार्य सुश्रुत की स्मृति में मनाई जाने वाली सुश्रुत जयंती (15 जुलाई) के उपलक्ष्य में हो रहा है।
शल्यकॉन 2025 में सामान्य शल्य चिकित्सा, गुदा-मलाशय (एनोरेक्टल) शल्य चिकित्सा और मूत्र संबंधी (यूरोलॉजिकल) शल्य चिकित्सा पर आधारित सजीव शल्य प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
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पहले दिन 10 एंडोस्कोपिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा।
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दूसरे दिन 16 एनोरेक्टल सर्जरी का लाइव डेमो प्रतिभागियों को सर्जिकल प्रक्रियाओं की प्रत्यक्ष जानकारी देगा।
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अंतिम दिन, 200 से अधिक मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएँगी, जो अकादमिक संवाद और शोध गतिविधियों को बढ़ावा देंगी।
'नवोन्मेष, एकीकरण और प्रेरणा' को केंद्रीय विषय मानते हुए शल्यकॉन 2025, पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक तकनीकी प्रगति का एक सशक्त मंच बनकर उभर रहा है। इस आयोजन में भारत सहित कई देशों से 500 से अधिक विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के भाग लेने की उम्मीद है।
यह संगोष्ठी न केवल विचारों के आदान-प्रदान का मंच है, बल्कि यह आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा में उभरते रुझानों, तकनीकी नवाचारों और नैदानिक प्रगति को प्रदर्शित करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।