राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जिन व्यक्तियों को राज्यसभा में नामित किया गया है, वे हैं:
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उज्ज्वल देवराव निकम – प्रख्यात वरिष्ठ वकील और अभियोजक, जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों सहित कई हाई-प्रोफाइल मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया। वे महाराष्ट्र से हैं और न्याय व्यवस्था में उनके योगदान को व्यापक सराहना मिली है।
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सी. सदानंदन मास्टर – सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद, जो केरल से हैं। वे राजनीतिक हिंसा के शिकार रहे हैं और दोनों पैर खोने के बावजूद समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय योगदान देते रहे हैं।
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हर्षवर्धन श्रृंगला – भारत के पूर्व विदेश सचिव और अमेरिका, बांग्लादेश व थाईलैंड में राजदूत के रूप में सेवा देने के अलावा, वे G-20 की भारत अध्यक्षता के दौरान मुख्य समन्वयक भी रहे। विदेश नीति और कूटनीति में उनका अनुभव बहुमूल्य माना जाता है।
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डॉ. मीनाक्षी जैन – इतिहासकार और शिक्षाविद, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर रह चुकी हैं। वे भारतीय इतिहास, संस्कृति और सभ्यता पर कई गंभीर शोध कार्यों और पुस्तकों के लिए जानी जाती हैं।
संविधान के अनुच्छेद 80 के अंतर्गत, राष्ट्रपति को राज्यसभा में ऐसे 12 सदस्यों को नामित करने का अधिकार है जो विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट ज्ञान और अनुभव रखते हों। इन चारों नामों को देश की बौद्धिक और सामाजिक विविधता का प्रतिबिंब माना जा रहा है।
यह नामांकन न केवल संसदीय विमर्श को समृद्ध करेगा, बल्कि नीति निर्माण में व्यावसायिक दृष्टिकोण और अनुभव का समावेश भी सुनिश्चित करेगा।