छत्तीसगढ़ : अब तक 3 लाख से अधिक नैनो डीएपी की बोतलों का भंडारण : नैनो डीएपी से किसानों को प्रति एकड़ 75 रुपए का लाभ | The Voice TV

Quote :

सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

National

छत्तीसगढ़ : अब तक 3 लाख से अधिक नैनो डीएपी की बोतलों का भंडारण : नैनो डीएपी से किसानों को प्रति एकड़ 75 रुपए का लाभ

Date : 23-Jul-2025

किसानों को बताया गया नैनो डीएपी का लाभकारी इस्तेमाल : खेतों में डेमो देकर किसानों को सिखाया गया नैनो डीएपी का वैज्ञानिक प्रयोग

रायपुर, 23 जुलाई 2025

चालू खरीफ मौसम में खेती-किसानी हेतु ठोस डीएपी खाद की संभावित कमी की पूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक खादों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसी कड़ी में तरल नैनो डीएपी एक प्रभावशाली विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। इसके प्रयोग से किसानों को प्रति एकड़ धान की फसल में लगभग 75 रुपए का सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है।

राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में इफको कंपनी द्वारा अब तक 3 लाख 5 हजार से अधिक नैनो डीएपी की बोतलों का भंडारण सुनिश्चित किया गया है। इनमें से 82 हजार 470 बोतलें डबल लॉक केंद्रों में, 1 लाख 41 हजार 389 बोतलें प्राथमिक सहकारी कृषि साख समितियों में तथा 48 हजार बोतलें निजी क्षेत्र में भंडारित हैं। वर्तमान में इफको कंपनी के पास 33 हजार से अधिक नैनो डीएपी की बोतलें शेष उपलब्ध हैं। आधा लीटर की एक नैनो डीएपी बोतल सहकारी समितियों में किसानों के लिए 600 रुपए की दर पर उपलब्ध कराई जा रही है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, धान की एक एकड़ फसल के लिए आवश्यक 50 किलोग्राम ठोस डीएपी खाद के स्थान पर केवल 25 किलोग्राम ठोस डीएपी तथा एक आधा लीटर नैनो डीएपी की बोतल पर्याप्त होती है। एक बोरी (50 किलो) ठोस डीएपी की कीमत 1,350 रुपए है, जिसकी तुलना में नैनो डीएपी के प्रयोग से प्रति एकड़ 75 रुपए की बचत होती है। यह संयोजन पोषण की दृष्टि से एक बोरी ठोस डीएपी के समतुल्य होता है।

नैनो डीएपी के उपयोग हेतु किसानों को जागरूक किया गया है। उन्हें डेमो देकर इसकी विधि भी सिखाई गई है। राज्य सरकार ने समय रहते ठोस डीएपी की कमी की आशंका को भांपते हुए नैनो डीएपी के उपयोग को लेकर किसानों के बीच एक सघन जागरूकता अभियान चलाया। कृषि विभाग के मैदानी अमले, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों की सहायता से खेतों में ठोस डीएपी के साथ नैनो डीएपी के संयुक्त प्रयोग की विधियाँ किसानों को समझाई गईं।

गांव-गांव जाकर आयोजित कृषि चौपालों एवं "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के माध्यम से किसानों को डेमो दिखाए गए और विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही, नैनो डीएपी से संबंधित पंपलेट, बैनर और पोस्टर सहकारी समितियों में प्रदर्शित किए गए हैं। कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारी लगातार खेतों का भ्रमण कर रहे हैं और किसानों को नैनो डीएपी के प्रयोग और इसके लाभों की जानकारी दे रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप किसान पूरे विश्वास के साथ अपनी धान की फसल में नैनो डीएपी का उपयोग कर रहे हैं।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement