नई दिल्ली, 28 जुलाई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा कि यह भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक और स्पष्ट संदेश था कि भारत ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है। सिंह ने कहा कि यह सैन्य अभियान पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए चलाया गया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और संचालक मारे गए।
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कहना कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में ऑपरेशन को रोका, “निराधार और पूरी तरह गलत” है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक जीवन में मैंने असत्य न बोलने की कोशिश की है।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, अस्मिता और नागरिकों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को दर्शाना था। यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की रात को शुरू होकर मात्र 22 मिनट में पूरा किया गया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए कायराना आतंकी हमले में 25 निर्दोष नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा- जो मानवता के विरुद्ध सबसे घृणित कृत्य है।
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर उन्हें आवश्यक स्वतंत्रता दी। इसके बाद भारतीय सेनाओं ने “ऑपरेशन सिंदूर” की योजना बनाई और उसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
सिंह ने कहा कि ऑपरेशन के बाद, भारत ने पाकिस्तान को हॉटलाइन के माध्यम से संदेश भेजा कि यह कार्रवाई सीमित थी और आगे बढ़ाने की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की ओर से की गई यह कार्रवाई पूर्णतः आत्मरक्षा में थी– न उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी। बावजूद इसके, 10 मई को पाकिस्तान ने भारत पर बड़े पैमाने पर हमला करने की कोशिश की, जिसमें मिसाइलें, ड्रोन और रॉकेट शामिल थे।
सिंह ने लोकसभा को आश्वस्त करते हुए कहा कि एस-400, आकाश मिसाइल प्रणाली और ड्रोन-रोधी सिस्टम जैसे अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों की मदद से भारत ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह विफल कर दिया। पाकिस्तान भारत की किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सका। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कहना कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में ऑपरेशन को रोका, “निराधार और पूरी तरह गलत” है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक जीवन में मैंने असत्य न बोलने की कोशिश की है।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे भारतीय सेना ने आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक कार्रवाई की। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति (बीएसी) में तय प्रक्रिया के तहत इस पर चर्चा की जा रही है।
राजनाथ सिंह ने सदन में वीर सपूतों को नमन करते हुए कहा कि जब भी आवश्यकता पड़ी है, भारतीय जवानों ने राष्ट्र की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटे।