भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने ‘आधार विज़न 2032’ फ्रेमवर्क का अनावरण किया है, जिसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग और उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीकों के माध्यम से भविष्य-सुरक्षित डिजिटल पहचान प्रणाली को सशक्त बनाना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि यह नया ढाँचा भारत के डिजिटल पहचान पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्परिभाषित करने और अगले दशक के लिए डिजिटल शासन की नई दिशा तय करने का एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करता है।
‘आधार विज़न 2032’ को तैयार करने में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञों की एक उच्च-स्तरीय समिति का मार्गदर्शन लिया गया है। यह रूपरेखा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम और वैश्विक साइबर सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाई गई है, ताकि आधार प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाया जा सके।
मंत्रालय ने कहा कि यह रोडमैप भारत की तकनीकी नेतृत्व क्षमता को बनाए रखने और एक सुरक्षित, समावेशी तथा जन-केंद्रित डिजिटल पहचान मंच के रूप में आधार की भूमिका को और मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
