पार्श्व गायक कैलाश खेर अपनी अद्भुत और अनूठी आवाज़ से पिछले लगभग 22 वर्षों से बॉलीवुड और भारतीय संगीत जगत में खास पहचान बनाए हुए हैं। उनकी गायकी के बिना बॉलीवुड हो या लोक संगीत, दोनों अधूरे से लगते हैं। हाल ही में उन्होंने राम मंदिर ध्वजारोहण और अपने पिता की स्मृति में आयोजित सांस्कृतिक आयोजन मेहर रंगत 2025 पर खुलकर बात की।
राम मंदिर पर 25 नवंबर को केसरी ध्वजारोहण
विवाह पंचमी के पावन अवसर पर 25 नवंबर को राम मंदिर में केसरी ध्वज फहराया जाएगा। इस ध्वज पर ‘ऊं’ का चिन्ह और कोविदार वृक्ष की आकृति मौजूद होगी। ध्वजारोहण को लेकर कैलाश खेर ने कहा,
“इस ऐतिहासिक पल पर पूरे देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। 500 वर्षों से जिस स्वप्न की प्रतीक्षा थी, वह अब पूरा हो रहा है। आज भारत का हर कोना राममय हो गया है। बच्चे-बच्चे में राम की आस्था और इस क्षण के प्रति उत्साह उमड़ रहा है। यह भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत है।”
मेहर रंगत 2025—पिता की स्मृति का भावनात्मक उत्सव
अपने पिता की स्मृति में आयोजित मेहर रंगत 2025 के बारे में कैलाश खेर ने बताया कि इस आयोजन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। यह इसका सातवां संस्करण था, जो उनके लिए अत्यंत भावनात्मक अवसर रहा। उन्होंने कहा,
“मेहर रंगत एक ऐसा मंच है जहां पूरे भारत के लोक संगीतकार एक साथ आते हैं, यह मेरे पिता के प्रति मेरी श्रद्धांजलि है।”
21 नवंबर की रात हुआ आयोजन, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता रहीं मौजूद
मेहर रंगत 2025 का आयोजन 21 नवंबर की रात संपन्न हुआ, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल हुईं। उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और संगीतकारों को शॉल देकर सम्मानित किया। देर रात अभिनेता अनुपम खेर ने भगवान शिव के भजनों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
पिता से विरासत में मिला संगीत का हुनर
कैलाश खेर दिल्ली में एक कश्मीरी परिवार में जन्मे। उन्हें संगीत का गुण अपने पिता पंडित मेहर सिंह खेर से मिला, जो स्वयं एक जाने-माने लोकगायक थे। उनकी आवाज़ में मिठास ऐसी थी कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते थे। पिता से मिले संस्कारों और सीख ने ही कैलाश को बॉलीवुड और संगीत जगत में यह ऊँचा मुकाम दिलाया।
