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"लक्ष्य निर्धारित करना अदृश्य को दृश्य में बदलने का पहला कदम है" -टोनी रॉबिंस

Science & Technology

2030 तक 80 गीगावॉट पॉवर नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करने की राह पर

Date : 04-Oct-2023

गुजरात ने नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। पिछले कुछ वर्षों में गुजरात ने अहम पहल की है जिनमें चारणका में गुजरात सोलर पार्क, भारत की पहली केनाल-टॉप सौर ऊर्जा परियोजना और भारत की पहली ग्रिड-कनेक्टेड मेगावाट आवर-स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) परियोजना शामिल है।

मेहसाणा जिले के मोढेरा गांव के प्रत्येक घर को सौर ऊर्जा और बीईएसएस परियोजना के माध्यम से चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना ने मोढेरा को चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति करने वाला भारत का पहला गाँव बनने का गौरव भी दिया है। इससे आगे बढ़ते हुए, गुजरात अब कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा 30 गीगावॉट विंड-सोलर हाइब्रिड आरई पार्क विकसित कर रहा है। साथ ही, गुजरात ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा को अपनाने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा को 80 गीगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा है।

उल्लेखनीय है कि इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य का 30% यानी लगभग 22.5 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन गुजरात ने अभी हासिल कर लिया है। गुजरात जमीनी स्तर से 150 मीटर की ऊंचाई पर 180 गीगावॉट की तटवर्ती पवन ऊर्जा क्षमता का दोहन करने और अपने समुद्री तट में 30-35 गीगावॉट अपतटीय पवन क्षमता का दोहन करने के लिए रणनीति विकसित करने में अग्रणी है। इसके अलावा, गुजरात इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को भी तेजी से अपना रहा है। यह प्रशंसनीय है कि गुजरात, साल 2025 तक लक्षित 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों में से 60,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले ही पंजीकृत कर चुका है। अपने सतत औद्योगिक विकास मॉडल के साथ गुजरात आज देश के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए भी औद्योगिक निवेश व व्यापारिक गतिविधियों के लिए सबसे पसंदीदा राज्य बन गया है।

गुजरात की रणनीतिक और भौगोलिक स्थिति, समुद्र तट और पवन व सौर ऊर्जा के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ इसे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एक अग्रणी गंतव्य बनाती हैं। वाइब्रेंट गुजरात समिट जैसे वैश्विक मंच के माध्यम से राज्य सरकार ने सक्रिय रूप से निवेश आकर्षित किया है और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग करते हुए विंड फार्म, सोलर पार्क और अन्य क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स के विकास को राज्य में बढ़ावा दिया है।

गुजरात में निवेश के अवसर

गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेस और इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेन्ट विकास सहित विविध निवेश के अवसर प्रदान करता है। इनमें सोलर सेल एंड मॉड्यूल्स, विंड टरबाइन्स एंड ब्लेड्स, सहायक पॉवर सिस्टम्स और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की मैन्युफैक्चरिंग शामिल है। इसके अतिरिक्त, गुजरात में रिन्यूएबल एनर्जी पार्क डेवलपमेन्ट, EPC कॉन्ट्रैक्ट्स, और ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को स्थापित करने जैसे सेक्टर्स में भी काफी संभावनाएँ है। साथ ही, इन्स्टॉलेशन, टेक्निकल सपोर्ट, ऑपरेशनल एंड मेन्टेनेन्स सपोर्ट, और थर्ड-पार्टी पॉवर प्रोवाइडर्स जैसे सेक्टर्स में भी गुजरात में काफी संभावनाएँ हैं। साथ ही, गुजरात वेस्ट सेगरेगेशन, ब्रिकेट प्रोडक्शन और उसकी प्रोसेसिंग, और सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट के लिए कॉम्प्रेहेन्सिव ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने में भी निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है।

उद्योग जगत ने की गुजरात के व्यापार-अनुकूल व्यवस्था की सराहना

पावरिका, सीमंस, विस्टास, जीई, और सुजलॉन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग के बड़े लीडर्स पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से गुजरात में सफलतापूर्वक अपनी पवन ऊर्जा परियोजनाएं चला रहे हैं। पावरिका कंपनी गुजरात में पवन नीलामी (ई-नीलामी) के माध्यम से 50.6 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजना को सफलतापूर्वक चालू करने वाली पहली निजी क्षेत्र की कंपनी है। पावरिका कंपनी ने निर्धारित कमीशनिंग तिथि 2019 से 100 दिन पहले यह उपलब्धि हासिल कर ली है। एक समर्पित प्रोजेक्ट डेवलपमेन्ट टीम, अति आधुनिक तकनीक और ग्राहक संतुष्टि की प्रतिबद्धता के साथ Powerica कंपनी आज गुजरात के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में एक बड़ी व विश्वसनीय कंपनी बन गई है।

भारत के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा समाधान प्रदाता सुजलोन ग्रुप ने दुनिया भर में 20 गीगावॉट तक की क्षमता के पवन ऊर्जा (लगभग 6 गीगावॉट भारतीय विंड टरबाइन के साथ) प्रतिष्ठानों को स्थापित कर लिया है। सुजलोन के पास गुजरात के जामनगर में विश्व स्तरीय मैन्युफैक्चरिंग फैसीलिटीज़ हैं जो उनके ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशन्स में काफी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। सुजलोन के 13 गीगावॉट से अधिक पवन ऊर्जा प्रतिष्ठान भारत में हैं, जो गुजरात को उनके घरेलू परिचालन का एक अनिवार्य हिस्सा बनाता है।

नवीकरणीय ऊर्जा के लिए प्रमुख गंतव्य

गुजरात ने अपनी कुल स्थापित क्षमता का 46.24% (अगस्त 2023 तक) नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने के साथ भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख गंतव्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि न केवल भविष्य के लिए सतत ऊर्जा के प्रति गुजरात की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि देश के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में अग्रणी के रूप में इसकी वर्तमान स्थिति को भी मजबूत करती है।

इसके अलावा, नवीकरणीय स्रोतों से भारत की कुल बिजली उत्पादन में 15.2% का योगदान देते हुए, गुजरात देश को स्वच्छ और हरित ऊर्जा विकल्पों की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों, नवीन परियोजनाओं और सतत औद्योगिक विकास की क्षमता के साथ, गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और विकास के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करता है और यही कारण है कि आज गुजरात हर प्रकार के उद्योग, व्यवसाय व निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है।

नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में गुजरात की विशिष्ट नीतिगत पहल इसे ग्रीन एनर्जी हब में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गुजरात की कुछ महत्वपूर्ण नीतियाँ जैसे गुजरात वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी 2022, गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2021, गुजरात सोलर पॉवर पॉलिसी 2021, और गुजरात विंड पॉवर पॉलिसी 2016, सामूहिक रूप से गुजरात में सतत ऊर्जा प्रथाओं और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रही हैं।

उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार जनवरी 2024 में 10वाँ वाइब्रेन्ट गुजरात ग्लोबल समिट आयोजित करने जा रही है और राज्य सरकार को पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में आयोजित होने वाला आगामी वाइब्रेंट गुजरात समिट राज्य सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा अभियान को सेचुरेशन तक ले जाने में ग्रीन ग्रोथ, क्लाइमेट फाइनांस, और सस्टेनबल डेवलपमेन्ट गोल जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की प्रगति का नेतृत्व करेगा। साथ ही, अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने, सर्कुलर इकोनॉमी ऑपर्च्यूटनिटीज़, और एनर्जी ट्रांजिशन्स के साथ राज्य सरकार का यह महा सम्मेलन गुजरात को पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी हब के रूप में स्थापित करने में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा।

 
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